उत्तर प्रदेश के किसान जल्द ही अपने खेतों की मेड़ों पर लगे पौधों से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर सकेंगे, क्योंकि यूपी 'कृषि वानिकी नीति' को अंतिम रूप देने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा यह कदम खेती को अतिरिक्त आय पैदा करने वाले वैश्विक कार्बन क्रेडिट बाजार से जोड़ने के प्रयासों के हिस्से के रूप में उठाया गया है. इसके अलावा, राज्य सरकार का लक्ष्य 2027 तक अपना ग्रीन कवर 9.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है.
उत्तर प्रदेश के वन और पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना के अनुसार, “किसानों की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं है, क्योंकि जो पौधे खेतों की मेड़ पर लगाए जाते हैं वो पौधे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.”
क्या है कार्बन क्रेडिट?
कार्बन क्रेडिट उस अनुमति को संदर्भित करता है जो किसी व्यवसाय को कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा का उत्सर्जन करने के लिए मिलती है. एक क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर द्रव्यमान के उत्सर्जन की अनुमति देता है. कार्बन क्रेडिट का उद्देश्य व्यावसायिक गतिविधियों के कारण ग्लोबल वार्मिंग के अधीन पर्यावरण की सहायता के लिए कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करना है.
किसानों को मिलेगी वित्तीय सहायता
सीडीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक पीके श्रीवास्तव ने कहा, "कितनी कार्बन या ग्रीनहाउस गैसें सोख ली गईं, इसकी गणना रोपित प्रजातियों पर की जाती है, जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं." नीति के मसौदे के अनुसार, किसानों को पौधे लगाने के साथ-साथ उनके बड़े होने तक रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी. सरकार ने इन पेड़ों से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट के लिए उन्हें भुगतान करने की भी योजना बनाई है. वहीं, ग्रीन कवर में बढ़ोतरी से CO2 का उत्सर्जन कम होगा और यह कार्बन क्रेडिट में परिवर्तित हो जायेगा.
किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे पौधे
सक्सेना ने कहा, “'कृषि वानिकी नीति किसानों को बेहतर उपज और कमाई के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले पौधों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगी. यह हिस्सा महत्वपूर्ण है क्योंकि कोई भी किसान अच्छे लाभ के बिना कृषि वानिकी में सहयोग नहीं करेगा. जब वे ऐसा करते हैं, तो वे सर्वोत्तम उपज और अधिकतम लाभ की उम्मीद करते हैं.”
किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का स्रोत
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एसके शर्मा, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक और वन बल यूपी के प्रमुख ने कहा, “वर्तमान में, छह कार्बन क्रेडिट के बदले में एक डॉलर तक मिल सकता है. वहीं पौधे उस प्रजाति के होंगे जो सिर्फ ऊपर की ओर बढ़ते हैं, अपने आसपास में फैलते नहीं हैं. यह महत्वपूर्ण है ताकि किसान अपने खेतों में जो फसल उगाएं उसे पर्याप्त धूप मिल सके.”
यह भी पढ़ें: चंदन के पेड़ कम समय में होंगे तैयार, वैज्ञानिकों ने शुरू की परियोजना
शर्मा ने कहा, "किसानों को पेड़ों का एक विशिष्ट समूह लगाने की सलाह दी जाएगी जिसमें 29 प्रजातियां शामिल होंगी. अगर किसान पेड़ों की बिक्री के लिए खेती करना चाहते हैं, तो हम उन्हें कृषि वानिकी के तहत प्रतिबंधित प्रजातियां उगाने की सलाह नहीं देंगे."
Share your comments