मौजूदा वक्त में देशभर के किसानों को खाद ना मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. रबी सीजन की फसलों की बुवाई के दौरान खाद समय पर ना मिलने से किसानों की फसलों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है.
देश के लगभग हर एक राज्य से खाद की किल्लत की खबरें सामने आई हैं, जबकि शासन औ प्रशासन अच्छी तरह जानते हैं कि फसलों के लिए खाद की क्या भूमिका होती है. इसके चलते उत्तर प्रदेश में खाद की बिक्री को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है.
मशीन से होगी खाद की बिक्री
जी हां, राज्य में खाद की बिक्री पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीन से कराने का आदेश दिया गया है. अब राज्य के जिलों में खाद की जमाखोरी रोकने और मांग के सापेक्ष आवंटन जिलास्तरीय समिति को कराएगी. इसके साथ ही अंतरराज्यीय सीमा पर नियमित निगरानी करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं.
यूरिया खाद की टाप ड्रेसिंग
आपको बता दें कि राज्य में रबी फसलों की बुवाई का कार्य पूरा होने के बाद खड़ी फसलों में यूरिया खाद की टाप ड्रेसिंग की जा रही है. ऐसे में यूरिया खाद की मांग और बिक्री तेज है. इसकी बढ़ती मांग की वजह से असामाजिक तत्व खाद की जमाखोरी व कालाबाजारी में लिप्त हो जाते हैं, इसलिए खाद बिक्री केंद्रों का निरीक्षण और पीओएस मशीन के अनुसार बिक्री का सत्यापन जरूरी हो गया है.
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इस मामले में निर्देश दिए गए हैं कि इसके लिए गठित जिला स्तरीय समिति निजी व सहकारी क्षेत्रों के उर्वरक बिक्री केंद्रों पर आवंटन करे. इससे हर क्षेत्र में मांग के अनुरूप खाद की उपलब्धता बनी रहेगी. निर्देश यह है कि उर्वरक बिक्री केंद्रों की निगरानी की जाए. इसके साथ ही किसानों के लिए पीओएस मशीन के माध्यम से खाद की बिक्री कराई जाए.
इसके अलावा खाद बिक्री को रजिस्टर पर अंकित किया जाए, साथ ही खाद खरीदने वाले किसान की जोत व बोई गई फसल का विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए.
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