आवारा पशु आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है. हर रोज़ हम देखते हैं कि सड़कों पर हमें कोई न कोई गाय टहलती हुई मिल ही जाती है. ये जो गायें सड़कों पर टहल रही हैं वो आम लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती हैं. लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसमें तय किया गया है.
कि जो किसान दूध देना बंद करने पर गायों को बेसहारा छोड़ देते हैं उनके खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर मुकदमा किया जायेगा.
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पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह का बयान
पशुपालन मंत्री ने विधानसभा में आवारा पशुओं को लेकर सपा विधायक अवधेश प्रसाद की ओर से सवाल पूछे जाने पर कहा कि , ''कसाई और किसान में अंतर होता है. हम किसानों का ध्यान रखेंगे, कसाइयों का नहीं. अपने पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा.”
पशुपालन मंत्री के द्वारा दिए गए कुछ आंकड़े
विधानसभा में जवाब देते समय पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने आवारा पशुओं से जुड़े कुछ आंकड़े भी पेश किये और बताया कि प्रदेश में 15 मई 2022 तक 6,187 गौशालाएं खोली गईं हैं जिनमें 8,38,015 पशुओं को रखा गया है. और उनके खाने से लेकर दवा तक सबकी सुविधा की गयी है ताकि पशुओं कोई दिक्कत न हो.
आवरा पशुओं के खुले घूमने से नुकसान
उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के घूमने की समस्या बहुत पुरानी है तमाम सरकारें आईं और गईं लेकिन पूरे तरीके से इस समस्या का समाधान कोई नहीं कर सका क्योंकि इस समस्या को ख़त्म करने में लोगों ने उतना सहयोग नहीं किया जितना करना चाहिए था. आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान की अगर बात की जाये तो कई सारे नुकसान हैं जैसे किसानों की फसल का ख़राब होना, लोगों को चोट पहुंचना, गाड़ियों की दुर्घटना होना इत्यादि.
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