
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में चर्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई "उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर एंड नॉन लेदर सेक्टर विकास नीति 2025" तैयार की है. इस नीति के तहत लेदर इंडस्ट्रियल पार्क लगाने वाले निवेशकों को जमीन, बिजली, स्टांप ड्यूटी और कौशल विकास में भारी सब्सिडी दी जाएगी. इस नीति का उद्देश्य राज्य में निवेश बढ़ाना, युवाओं को रोजगार देना और यूपी को लेदर हब बनाना है.
मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
नई लेदर नीति का मसौदा तमिलनाडु की नीति से प्रेरित होकर तैयार किया गया है और इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिल चुकी है. जल्द ही राज्य में दो नए लेदर क्लस्टर की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी. इसके तहत निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं व प्रोत्साहन दिए जाएंगे.
रोजगार देने पर मिलेगी बिजली बिल में छूट
अगर कोई इकाई लेदर पार्क में 1000 लोगों को रोजगार देती है, तो उसे बिजली की दर में प्रति यूनिट दो रुपये की छूट मिलेगी. यह राहत उन निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद होगी, जो बड़े पैमाने पर उत्पादन और रोजगार सृजन करना चाहते हैं.
जमीन खरीद पर 25% से 80% तक की छूट
नीति के तहत निजी औद्योगिक पार्क (25 से 100 एकड़) के लिए पूंजीगत निवेश पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 45 करोड़ रुपये की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, अगर पार्क का क्षेत्रफल 100 एकड़ से अधिक है, तो अधिकतम 80 प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती है. इसके अलावा, दोनों श्रेणियों के लिए स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान है.
पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड और पूर्वांचल को भी लाभ
नीति के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनने वाले लेदर और फुटवियर यूनिट्स को जमीन पर 25% की छूट मिलेगी. वहीं, मध्य उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में यह छूट 35% तक होगी. मेगा यूनिट और क्लस्टर कैटेगरी में यह सब्सिडी और भी अधिक होगी, जिससे छोटे और बड़े दोनों निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा.
यूपी के चर्म उद्योग की ताकत
- देश के कुल चर्म उत्पाद निर्यात में यूपी की हिस्सेदारी 46% है, जो यह साबित करता है कि राज्य पहले से ही इस सेक्टर में अग्रणी है.
- यूपी की चमड़ा उत्पादों में हिस्सेदारी 30% है, जो इस क्षेत्र की व्यापकता को दर्शाता है.
- राज्य में 200 से अधिक टेनरियां हैं, जो लगातार उत्पादन में लगी हुई हैं.
- यूपी से अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों को चर्म उत्पादों का निर्यात होता है.
एमएसएमई को मिलेगा बड़ा सहारा
नई नीति का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि एमएसएमई सेक्टर को मजबूत किया जाए. चर्म उद्योग में छोटे व मध्यम उद्यमों की बड़ी भूमिका है और ये इकाइयां भारी संख्या में लोगों को रोजगार देती हैं. इसीलिए सरकार ने नीति में एमएसएमई के लिए विशेष प्रावधान किए हैं.
कौशल विकास पर भी फोकस
सरकार कौशल विकास के लिए भी खर्च वहन करेगी, जिससे स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देकर उन्हें लेदर उद्योग में काम के लिए तैयार किया जा सके. यह कदम न केवल रोजगार बढ़ाएगा, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता भी सुधरेगी.
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