Budget Expectation: भारत की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है. सरकार भी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई की योजनाएं चलाती है. मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण बजट 2023, 1 फरवरी को संसद में पेश करेगी. मोदी सरकार के पिछले कुछ बजट में किसानों के लिए काफी योजनाएं शुरू की गई हैं. मोदी सरकार इस बजट में छोटे किसानों को तोहफा दे सकती है और आय दोगुनी करने के लिए नई योजनाएं शुरू कर सकती है.
फिलहाल मोदी सरकार छोटे किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि के रूप से में सालाना 6,000 रुपये की सहायता राशि देती है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके. साथ ही सरकार किसानों को सस्ती दरों पर ऋण और कृषि कार्यों के लिए सब्सिडी भी मुहैया करा रही है. जिससे किसानों की खेती की लागत को कुछ हद तक कम किया जा सके.
पीएम किसान सम्मान निधि के बाद भी किसानों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है और किसानों की आय बढ़ाने के रास्ते में कई चुनौतियां हो रही है, जो कृषि के विकास में बाधा बन रही हैं. कृषि क्षेत्र को उम्मीद है कि आने वाले बजट 2023 से सरकार किसानों की कई चुनौतियों को दूर करेगी. साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास-विस्तार और किसानों के कल्याण के लिए बड़ी योजनाओं का एलान करेगी.
पिछले कई सालों से बढ़ती महगाई में किसानों पर काफी प्रभाव डाला है. जिसका कृषि क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है. खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पर जीएसटी शुल्क काफी लगता है, जोकि किसानों की अनुदान की रूप में दी गई रकम को कवर नहीं कर पाता है. उदाहरण के तौर पर- हैंड पंप, वाटर पंप, खेती की मशीनें, कंपोस्ट मशीन, ट्रेलर समेत कई कृषि इनपुट पर सरकार ने 2.5% से 28% की दर से तक जीएसटी लागू किया है. जिसके राहत के लिए किसान और किसान उत्पादक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि जीएसटी दरों को कम किया जाए. जिससे उत्पादन की लागत कम हो और किसानों की आय में इजाफा हो सके.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सरकार अपने आखिरी पूर्ण बजट में किसानों को राहत देते हुए कृषि इनपुट की जीएसटी दर में कमी कर सकती है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को संसद में आम बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश करेंगी.
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