केंद्र सरकार (Central Government) लगातार प्रयास कर रही है कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सके. इसके लिए राष्ट्रीय बांस मिशन भी चलाया जा रहा है. इस मिशन के तहत 9 राज्यों में 22 कलस्टर बनाए जाएंगे. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) के लिए एक प्रतीक चिन्ह भी जारी कर दिया गया है, केंद्र सरकार का प्रयास है कि किसानों को बांस के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए, साथ ही बांस के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए. बता दें कि दुनिया बांस उत्पादन में अग्रणी है फिर भी भारत का निर्यात न के बराबर होता है. ऐसे में मोदी सरकार बांस की खेती के प्रसार पर लगातार काम कर रही है.
भारतीय वन अधिनियम 1927 का संशोधन
केंद्र सरकार ने साल 2017 में भारतीय वन अधिनियम 1927 का संशोधन भी किया है. इसके तहत बांस को पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया गया है. यानी अब कोई भी बांस और उसके उत्पादों में खेती और व्यवसाय कर सकता है. बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए आयात नीति को भी बदला गया है. इसका मकसद है कि स्थानीय स्तर पर बांस उद्योग से जुड़े लोगों को अच्छा मुनाफा हो. इसके साथ ही संरक्षण और बांस के निर्यात के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ पाए.
यहां बनाए गए बांस के समूह
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मध्य प्रदेश
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गुजरात
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महाराष्ट्र
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ओडिशा
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असम
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नागालैंड
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त्रिपुरा
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उत्तराखंड
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कर्नाटक
राष्ट्रीय बांस मिशन का आधिकारिक लोगो
इसका आधिकारिक लोगो तैयार करने के लिए माई-जीओवी प्लेटफॉर्म के जरिए एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. इस प्रतियोगिता में तेलंगाना के साई राम गौड एडिगी द्वारा विकसित डिजाइन को चुना गया है. इसके लिए उन्हें नगद पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है. बता दें कि यह लोगो देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली बांस की खेती को चित्रित करता है. इस लोगो के चारों तरफ औद्योगिक पहिया, बांस क्षेत्र के औद्योगीकरण के महत्व को दर्शाता है. इसमें सुनहरे पीले और हरे रंग का प्रयोग किया गया है.
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