आज की तारीख में मशीनों के बिना खेती मुश्किल है. मशीनों ने किसानों की कृषि की गतिविधियो न महज सरल व सहज बनाया है, बल्कि अधिक मुनाफा देने में इन मशीनों का अहम योगदान रहता है. पहले जिन कामों को करने मे महीनों लग जाया करते थे, आज उन्हीं कामों को महज पल भर में ही मशीनों के द्वारा किया जा रहा है.
एक ऐसी ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने जर्मनी के उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने 2.6 करोड़ में अल्ट्रामाइक्रोटॉम टेस्टिंग मशीन स्थापित की है. इस मशीन की खास बात यह है कि यह महज एक घंटे के अंदर फसलों में कौन-सी बीमारी है, उसका पता लगाकर उसका समाधान किसानों को बता सकती है. यकीनन, यह मशीन किसान भाइयों के लिए काफी उपयोगी साबित होने जा रही है.
आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि फसलों में कई तरह की बीमारियों से कई बार किसान भाई अनजान रहते हैं, जिससे किसानों की फसलें नुकसान हो जाया करती थी और अंत में उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, लिहाजा किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई इस पहल की जमकर तारीफ की जा रही है. यह मशीन हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिहाज से इसलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि प्रदेश के अधिकांश किसान बागवानी फसलों के उत्पादन में सक्रिय हैं.
इन रोगों की जांच में मिलेगी सुविधा
वैसे तो किसानों की सब्जियों को बहुत तरह के रोग होते हैं, लेकिन सेब में पैथोजेन, आडू में पीच येलो लीफ नामक बीमारी फैलती है, इस तरह की कई बीमारियां अन्य सब्जियों में फैलती है, जिससे हमारे किसानों को आगे चलकर आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिसको ध्यान में रखते हए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम काफी उपयोगी माना जा रहा है.
खैर, यह तो रहा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाया यह कदम, जिसकी किसान भाई जमकर सराहना कर रहे हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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