2019 का बजट पेश हो चुका है और इसमे कोई शक नहीं कि इस बजट से हर क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा. वैसे सरकार की माने तो इस बजट को स्ट्रांग सिटीजन एवं स्ट्रांग नेशन के विचारों को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है. बजट बनाते समय यह तथ्य भी सरकार के दिमाग में जरूर रहा कि भारतीय फर्म धन निर्माता हैं और हमारी अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान दे रहें हैं.
इस बार के बजट में इनोवेशन प्रमोशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण उद्योगों की तरफ भी खास ध्यान दिया गया है. वहीं ASPIRE मिशन के तहत 80 लाइवलीहुड बिज़नेस इन्क्यूबेटर्स (LBI) और 20 टेक्नोलॉजी बिज़नेस इन्क्यूबेटर्स को 2019-20 में स्थापित करना सराहनीय है. दोनों ही योजनाओं का प्रमुख लक्ष्य युवाओं के स्किल्स में निखार लाना है.
ग्रामिण जीवन की बात करें तो पीएम ग्राम सड़क योजना के तीसरे फेज के अंर्तगत गांवों को बाजार से जोड़ने के लिए सड़कों को अपग्रेड करने की घोषणा हुई है. इतना ही नहीं ग्रामीण उद्योगों में 75 हजार नये उद्यमी तैयार करने की भी योजना है.
सरकार की माने तो इस समय 97 प्रतिशत गाँवों को बारह-मासी सड़क योजना का फायदा पहुंच रहा है और जो गांव शेष रह गएं हैं, उन्हें इसी साल इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं निर्मला सीतारमण द्वारा दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाने की घोषणा करना भी अपने आप में एक बड़ा कदम है.
ध्यान रहे कि इस बार के बजट में 10000 नए किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) बनाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, तो वहीं किसानों को ईएनएएम से लाभ उठाने की अनुमति भी दी गई है.
इस समय पूरा देश पानी की कमी से जूझ रहा है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए बजट में 2024 तक गांव-गावं तक तक जल पहुंचाने के उपाय किए गए हैं. जल जीवन मिशन के तहत गांव-देहात के भी हर घर में टंकी से पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
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