चीन की कंपनी पर भरोसा करना 300 से अधिक किसानों को महंगा पड़ गया है. जानकारी के मुताबिक ढाई से तीन हजार एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है. घटना रामपुर टांडा कस्बे की है, जहां किसानों ने चीन की एक कंपनी पर भरोसा कर धान के बीज लगभग तीन हजार एकड में लगाये, मेहनत और पैसा भी खर्च किया, लेकिन उपज ना के बराबर ही हुआ.
गौरतलब है कि सिंजेटा इंडिया एलपी 17059 धान के बीजों को किसानों ने खरीदकर लगाया था, लेकिन तीन महीने बाद ना तो उपज हुआ और ना ही फसल लहलहाया. किसानों के मुताबिक चीन के इस धोखे से अनुमानित 8 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा हालात उन किसानों की दयनीय है, जिन्होनें लीज या बटाई में खेत लेकर धान लगाया था.
इस बारे में रामपुर टांडा के किसानों ने बताया कि कंपनी ने शुरू में तरह-तरह के प्रलोभन देकर किसानों को ये यकिन दिलाया कि उनके एक बीघे में चार से पांच कुंतल धान की उपज होगी. लेकिन अब तीन महीने बाद फसल तो खड़ी है, लेकिन धान का एक कतरा भी खेतों में दिखाई नहीं पड़ रहा है.
नुकसान पर सरकारी मदद मिलने की संभावना कमः
गोरतलब है कि किसानों को हुए इस नुकसान पर सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद मिलने की संभावना ना के बराबर है. नियम के मुताबिक सरकार द्वारा उन्हीं बीजों का टेस्टिंग होती है, जिनके लिए सब्सडी तय होती है. लेकिन यहां किसानों ने बिना सब्सिडी वाले बीज खरीदे थे, जिस कारण उन्हें सरकारी मदद मिलना बहुत मुश्किल है.
इस बारे में एक किसान ने बताया कि भारत में अनेको बीज और कीटनाशक बेचने वाली मल्टी नेशनल कंपनियां किसानों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर अपनी चांदी कर रही है. लेकिन नुकसान या किसी तरह के विपरीत परिणाम आने पर वो किनारा कर लेती है. सरकार के प्रति भी उनकी जवाबदेही नहीं होती है और ना ही कानून का उन कंपनियों पर कोई नियंत्रण होता है. ऐसे में किसानों की हालत गंभीर होती जा रही है.
Share your comments