
भारत सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने के दौरान गन्ने का मूल्य 8 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। जिसके मद्देनज़र चीनी उद्दोग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि गन्ना किसानों को बकाया भुगतान करने में समस्या खड़ी हो सकती हैं। आप को बता दें कि चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 29 रुपए प्रति किलो तय किया गया है जबकि उद्दोग इसे क्षेत्रवार तय करने की बात कह रही है दक्षिण में इसे 33 रुपए और पश्चिम भारत में इसका मूल्य 35 रुपए प्रति किलो तय करने की मांग की गई है।
सरकारी अधिकारियों की मानें तो 2018-19 के लिए गन्ने के एफआरपी ( फेयर रिम्युनेरेटिव प्राइस) में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद गन्ने का एफआरपी 275 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगा।
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
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