देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन में तेजी लाने के लिए एक नई रणनीति तैयार की जा रही है. दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) द्वारा 26 मार्च को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया गया है.
जानकारी है कि इस बार दिनभर के लिए भारत बंद किया जाएगा. इस योजना के तहत एक भी वाहन को सड़क पर नहीं आने दिया जाएगा. इसके साथ ही युवाओं को दोबारा आंदोलन से जोड़ने की कोशिश की जाएगी.
किसान आंदोलन है जीवित
किसानों की मानें, तो इस बार भारत बंद (Bharat Bandh) के दौरान किसानों द्वारा ट्रैक्टर भी नहीं चलाए जाएंगे. बता दें कि सरकार और उससे जुड़े लोग लगातार चर्चा कर रहे हैं कि किसान आंदोलन कमजोर पड़ रहा है, इसलिए किसान आंदोलन में लोगों का शामिल होना कम हो गया है. ऐसे में किसान बताना चाहते हैं कि अभी भी किसान आंदोलन जीवित है, इसलिए भारत बंद का आह्वान किया गया है.
शांतिपूर्ण ढंग से होगा भारत बंद
किसानों का कहना है कि भारत बंद (Bharat Bandh) शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा. इस बार सड़क पर एक भी वाहन नहीं होगा और किसान के ट्रैक्टर भी बंद रहेंगे. जैसे देशभर की महिलाओं ने 8 मार्च को किसान आंदोलन स्थलों पर जुटकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया, वैसे ही संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) द्वारा 15 मार्च से 28 मार्च तक का अपना कार्यक्रम सुनिश्चित किया है. बताया जा रहा है कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं या फिर चुनाव होने वाले हैं, वहां पर संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) अपने मंच लगाएगा. इसके साथ ही बीजेपी के खिलाफ वोट देने की अपील करेगा.
कुछ इस तरह तय किया कार्यक्रम
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15 मार्च को डीजल, पेट्रोल, गैस सिलिंडर की कीमत वृद्धि और रेलवे निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन होंगे. इस दौरान एसडीएम, डीसी को ज्ञापन देंगे.
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17 मार्च को आल इंडिया ट्रेड यूनियन सिंघुबॉर्डर पर मीटिंग में हिस्सा लिया जाएगा, साथ ही भारत बंद पर फैसला होगा.
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19 मार्च को किसान खेती बचाओ-मंडी बचाओ दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान सभी मंडियों में प्रदर्शन होगा.
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23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह का बलिदान दिवस मनाया जाएगा.
- 26 मार्च को किसान आंदोलन के 4 महीना पूरा होने पर भारत बंद का आह्वान होगा.
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28 मार्च यानी होलिका दहन के दिन देशभर में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी.
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