आगामी लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही दिन बाकी है. उसके मद्देनजर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से किसान हित में ऐतिहासिक फैसले लिए जा रहे हैं. 1 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम बजट पेश किया गया. जिसमें किसानों के लिए कई घोषणाएं की गई. हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में भी बढ़ोतरी कर किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया गया था. अब केजरीवाल सरकार ने भी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी तय करने का फैसला का किया है.
दरअसल दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने स्वामीनाथन समिति के सिफारिशों के अनुसार कृषि उत्पादों पर एमएसपी देने का फैसला किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इसका ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट किया है-
किसानों के लिए ख़ुश ख़बरी। दिल्ली सरकार का क्रांतिकारी क़दम। देश में पहली बार स्वामिनाथन आयोग दिल्ली में लागू होने जा रहा है।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार बढ़ा रही है किसानों की फसलों का दाम
प्रस्तावित एमएसपी प्रति क्विंटल : गेंहू - 2616 रू, धान - 2667 रू
जनता के सुझाव भी हैं आमन्त्रित
बता दे कि कुछ दिनों पहले दिल्ली सरकार में विकास मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि 'दिल्ली सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के किसानों के लिए एमएसपी तय करने का फैसला किया है. उन्होंने आगे कहा था कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए पिछले साल 4 दिसंबर को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. गेहूं व धान की फसल के उत्पादन लागत के आंकलन के लिए यह कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने दिल्ली के किसानों के लिए एमएसपी के संबंध में अपनी रिपोर्ट अब सरकार को सौंप दी हैं. मंत्री गोपाल राय ने बताया था कि केजरीवाल सरकार इस विषय पर किसानों की राय जानने के लिए उनके साथ बैठकें करेगी, उनके विचार जानेगी, तब इस पर मुहर लगाने के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा. बता दें कि दिल्ली में करीब 20 हजार किसान हैं.
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की मुख्य बातें
किसानों को फसल उत्पादन मूल्य से 50 फीसद ज़्यादा दाम मिले.
किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज कम दामों में उपलब्ध कराए जाएं.
गांवों में किसानों की मदद के लिए 'विलेज नॉलेज सेंटर' या 'ज्ञान चौपाल' बनाया जाए.
महिला किसानों के लिए 'किसान क्रेडिट कार्ड जारी' किए जाएं.
किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए, ताकि बाढ़ आने या सूखा पड़ने पर किसानों को मदद मिल सके.
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