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छोड़िए पेट्रोल की चिंता! अब गन्ना, मक्का और चावल की टुकड़ी से होगा इथेनॉल का उत्पादन

बिहार के गन्ना और मक्का किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, बिहार पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां गन्ना, मक्का, टूटे चावल और सड़े हुए अनाज से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा.

कंचन मौर्य
Ethanol Production
Ethanol Production

बिहार के गन्ना और मक्का किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, बिहार पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां गन्ना, मक्का, टूटे चावल और सड़े हुए अनाज से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा.

जी हां, भारत सरकार द्वारा बीते साल दिसंबर में केंद्रीय बायो फ्यूल नीति 2018 के तहत इथेनॉल (Ethanol) उत्पादन की अनुमति दी थी. इसके 3 महीने के अंदर इथेनॉल पॉलिसी (Ethanol Policy) को मंजूरी देने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है.

इसके चलते ही राज्य कैबिनेट ने इस नीति पर चर्चा की, साथ ही विधानसभा में इस नीति को पेश किया, जिसके बाद इसे मंजूरी मिस गई है. इसके बाद बिहार में गन्ना, मक्का, टूटे चावल और सड़े हुए अनाज से इथेनॉल का उत्पादन होगा.

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार की इस नीति के तहत लगभग 38 जिलों में प्लांट लगाए जाएंगे. यह नीति बिहार के गन्ना, मक्का किसानों के लिए बहुत फायदा पहुंचाएगी. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

क्या है इथेनॉल? (What is Ethanol?)

यह एक तरह का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाता है और फिर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, साथ ही मक्का, चावल आदि शर्करा वाली अन्य फसलों से भी तैयार किया जा सकता है.

इथेनॉल के फायदे (Benefits of ethanol)

  • यह पर्यावरण के लिए बहुत अनुकूल है.

  • इसके इस्तेमाल से 35 प्रतिशत कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन हो सकता है.

  • यह सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को कम करता है.

  • इसमें 35 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है.

  • इथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है.

खरीद की गारंटी (Purchase guarantee)

केंद्र सरकार द्वारा चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने की मंजूरी दी गई है. इसका मतलब यह है कि चीनी उत्पादन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2006 से इसकी मांग कर रहे थे, लेकिव अब केंद्र सरकार सभी उत्पादित इथेनॉल की खरीद पर गारंटी दे रही है. बता दें कि बिहार गन्ना और मक्का की खेती में समृद्ध है.

प्लांट लगाने में मदद (Help with setting up the plant)

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की मानें, तो गन्ना, मक्का और चावल की टुकड़ी से इथेनॉल बनाने का प्लांट हर जिले में लगाया जाएगा. इसका एक प्लांट लगभग 50 एकड़ में लग जाएगा.

नए निवेशक कर सकते हैं आवेदन (New investors can apply)

इसके लिए नए निवेशक आवेदन कर सकते हैं. बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) से जमीन के लिए आवेदन किया जा सकेगा. पहले चरण के लिए निवेशक मंजूरी के लिए 30 जून, 2021 तक आवेदन कर सकते हैं, वहीं वित्तीय मंजूरी के लिए 30 जून, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं.

निवेशकों को मिलेगी सब्सिडी (Investors will get subsidy)

सबसे खास बात यह है कि अगर निवेशक निवेश करता है, तो उसे 15 प्रतिशत तक की सरकारी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. यह अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक की होगी. 

इसके साथ ही एससी/एसटी, अति पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और एसिड अटैक सर्वाइवर निवेशकों को 15.75 प्रतिशत यानी अधिकतम 5.25 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी.इसके अलावा स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण और म्यूटेशन शुल्क, बिजली शुल्क प्रतिपूर्ति और रोजगार और कौशल विकास सब्सिडी भी दी जाएगी. यह सुविधा राज्य सरकार की औद्योगिक नीति के तहत दी जाएगी.

English Summary: Sugarcane, maize and rice detachment will produce ethanol Published on: 18 March 2021, 05:37 PM IST

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