देश में गन्ना को लेकर गन्ना किसानों के बीच चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। अलग-अलग राज्यों में किसान अब बकाया के लिए चीनी मिलों पर दवाब बना रहे हैं। इस बार गन्ना किसानों की खबर महाराष्ट्र से आई है। गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए महाराष्ट्र सरकार और गन्ना किसानों के संगठनों ने चीनी मिलों पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने मिलों से गन्ना किसानों के बकाया को 15 पर्सेंट की ब्याज दर पर गणना करने के लिए कहा है। इस विषय पर महाराष्ट्र शुगर कमिश्नरेट ने भी अपना रुख कड़ा कर दिया है और उन्होंने चीनी मिलों से कहा है कि वे किसानों का बकाया 15 पर्सेंट की ब्याज दर से वापस करें। मिलों पर गन्ना किसानों का 1768 हजार करोड़ का बकाया है। और मौजूदा सीजन में मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया लगभग 20,000 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है।
वहीं केंद्र सरकार ने शुगार की एक्स-मिल फ्लोर कीमत को 29 रुपये प्रति किलो तय कर दिया है जिसके बाद किसान और उनके संगठनों ने मिलों पर बकाया लौटाने को लेकर दवाब डालना शुरू कर दिया है। इस विषय पर स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने कहा, "बकाया बढ़ने के बावजूद हम लोग चीनी चीनी के दाम कम होने के चलते चुप रहे थे। हालांकि केंद्र सरकार के शूगर इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज के ऐलान के बाद चीनी की कीमत 29 रूपये प्रति किलो के निचे नहीं जा सकती। इसी वजह से हमने गन्ने के बकाया को लेकर 29 जून को राज्य के कमिश्नरेट पर मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है।" इसके आगे उन्होंने कहा कि अगर गन्ना किसानों को अभी उनकी बकाया नहीं मिलता है तो वे केंद्र और राज्य सरकार की इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम के लिए आयोग्य हो जाएंगे।
जिम्मी
कृषि जागरण
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