1. Home
  2. ख़बरें

अब पाये कृषि यंत्रो के ख़रीद पर 80 फ़ीसद तक सब्सिडी

उतर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों की आर्थिक स्थित को मज़बूत करने और साल 2022 तक आय दोगुनी करने के दिशा में किया गया कृषि कुम्भ का आयोजन एक सराहनीय प्रयास रहा. उन्होंने कहा की मैं आशा करता हूँ कि हमारे किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके कृषि की उत्त्पादकता एवं गुणवत्ता को अच्छी बनाने की दिशा में काम करगें।

उतर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों की आर्थिक स्थित को मज़बूत करने और साल 2022 तक आय दोगुनी करने के दिशा में किया गया कृषि कुम्भ का आयोजन एक सराहनीय प्रयास रहा. उन्होंने कहा की मैं आशा करता हूँ कि हमारे किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके कृषि की उत्त्पादकता एवं गुणवत्ता को अच्छी बनाने की दिशा में काम करगें।

उन्होंने कहा की मैं किसानो से आग्रह करता हूँ की किसान अपने खेतों में फसल अवशेष पराली आदि को न जलाये क्योकी ऐसा करने से न केवल पर्यावरण दूषित होता है बल्कि खेत में उपस्थित कीट मित्र एवं खेतो के पोषक तत्व भी पूर्णतयः नष्ट हो जाते है. अवशेषों को जलाने के आलावा हैपी सीडर का प्रयोग करे. जिससे उसके फसल के अवशेषों का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जा सके.

कृषि से जुडी और जानकारी के लिए यह क्लिक करे.....

29 अक्टूबर से 7 नवम्बर की बीच कृषि यंत्रो पर मिल रही है 80 फ़ीसद सब्सिडी

कृषि मंत्री में बताया की अब तो इन-सीटू मैनेजमेन्ट योजना के अन्तर्गत कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी भी दे जा रही है। उन्होंने बताया की आगे की 29 अक्टूबर से 7 नवम्बर की बीच आठ कृषि यंत्रो पर 80 फ़ीसद तक की सब्सिडी मिल रही है. ये आठ कृषि यंत्र कर्मशः हैपीसीडर, मल्चर, रोटावेटर, जीरोटिल सीडकम फर्टिलाइजर ड्रिल, श्रब मास्टर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रेडर तथा रिवर्सबुल एम बी प्लाऊ है. इसके अलावा ट्रैक्टर पर 40 फ़ीसद सब्सिडी मिल रही है. जो किसान इन-सीटू मैनेजमेन्ट योजना के अन्तर्गत बैको से फाइनेंस कराकर या नकद भुगतान कर सम्बन्धित जिलों में कृषि विभाग के माध्यम से अपने बिल बाउचर अपलोड करा देंगे, उन सभी किसानो को आउट ऑफ टर्न इस योजना के तहत अनुमन्य अनुदान का भुगतान सीधे उनके खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कृष्णाराज ने बताया कि देश के किसान ग़रीब है और जब तक देश का किसान उत्तम नहीं होगा तब तक देश भी उत्तम नहीं बनेगा. इसके आलावा कार्यशाला में कृषि राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह धुन्नी सिंह ने बताया की मेरा तो मानना है की गाय के गोमूत्र और गोबर का प्रयोग करके हम जैविक खेती को बड़ा सकते है. इसके छिड़काव से नीलगाय उस खेत में नहीं में नहीं आएंगे और हमारी फसल नुकसान होने से बच जाएगी.

कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों के अलावा सांसद जगदम्बिका पाल, पशुधन एवं मत्स्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल, आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह, श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’, नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा जेएस सिन्धू, कानपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा एस सोलोमन, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव, कृषि सहित वैज्ञानिक, प्रो बी जिलरी, प्रो अनुपम कुमार नेमा, आदि ने भी कार्यशाला को सम्बोधित किया.

English Summary: Subsidy upto 80% on the purchase of agricultural machines Published on: 29 October 2018, 02:07 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News