आप सब ने ये तो देखा ही होगा कि लोग अतिरिक्त आय के लिए कई तरह के अन्य कार्य करते है, लेकिन हम आपको एक दिलचस्प घटना से इस लेख के माध्यम से रूबरू करवाएँगे. जहां पर एक व्यक्ति ने जमीन में फर्जीवाड़ा कर सरकारी योजना का लाभ उठाया है. जी हां बलौदा ब्लॉक के ग्राम पहरिया के सरपंच राजेंद्र प्रसाद पिता त्रिभुवन प्रसाद शर्मा ने सरकार से पेट्रोल पंप के लिए एनओसी लिया और फिर उसी जमीन पर किसान ने सरकार से समर्थन मूल्य के रूप में धान खरीदी का लाभ भी उठाया.
गौरतलब की बात है कि यह जमीन आदिवासी के नाम से दर्ज की गई थी,लेकिन सरपंच राजेंद्र प्रसाद ने अपनी शक्ति का गलत प्रयोग कर उसे अपने नाम पर दर्ज करवा लिया था. सरपंच की इस घटना से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भू-बिचौली जमीन के कागजात में छेड़-छाड़ करने में बड़ी आसानी से सफल हो सकते हैं.
सरपंच ने किया फर्जीवाड़ा (Sarpanch committed fraud)
आपको बता दें कि सरपंच राजेंद्र प्रसाद का जमीनी फर्जीवाड़ा यहीं पर खत्म नहीं होता है.सरपंच इसी जमीन पर पेट्रोल पंप बनाने के लिए आवेदन करता है और उसे बढ़ी ही आसानी से पेट्रोल पंप खोलने के लिए अनुमति भी मिल जाती है. उसे अपने पेट्रोल पंप के लिए 12 हजार लीटर तक डीजल प्राप्त हो जाता है.
जिसे वह आराम से एक एक अच्छा मुनाफा कमा सकता था. लेकिन इस संबंध में ग्रामीण मारकंडेय प्रसाद साहू ने सरपंच की शिकायत अपने जिला के कलेक्टर से की थी और फिर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिया. जांच में पाया कि जमीन की खरीद बिक्री व पेट्रोल पंप खोलने में फर्जीवाड़ा किया गया है.सरपंच में अपनी शक्तियों का गलत उपयोग किया है.
नहीं पेश कर पाया दस्तावेज (could not produce documents)
जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के द्वारा की गई जमीन की जांच में विक्रय अनुबंध कराने से पहले भी आवेदक द्वारा किसी भी तरह का कोई कानूनी तौर पर सही दस्तावेज पेश नहीं किया.
दस्तावेज पेश ना होने की वजह से जिला कलेक्टर ने कहां कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए जारी किए हुए अनापत्ति पत्र को निरस्त कर दिया है और इसके पीछे जुड़े सभी आरोपियों पर कार्रवाई शुरू की जाएगी. जिससे भविष्य में ऐसी कोई घटना ना घटित हो.
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