आज हम एक ऐसी महान शख्सियत की बात करेंगे। जिन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव से पूर्व होने वाली समस्याओं में शामिल एनीमिया से बचाने के लिए दवा की खोज की थी. वो शख्सियत कोई और नहीं बल्कि लूसी विल्स थी. गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड की महत्ता को लूसी विल्स ने ही दुनिया को समझाया था. जिसे आज के समय में दुनिया भर के डॉक्टर्स प्रेग्नेंट महिलाओं को खाने की सलाह देते है.
बता दे कि लुसी विल्स का जन्म बर्मिंघम (इंग्लैंड) के पास वर्ष 1888 में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई महिला विद्यालय स्कूल से प्राप्त की. जिसमें उन्होंने विज्ञान और गणित की शिक्षा ली. फिर लुसी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से 1911 में बॉटनी और जूलॉजी में डिग्री प्राप्त की.लूसी विल्स जब भारत आई, तो उन्होंने गर्भवती महिलाओं पर शोध किया. तब उन्होंने मुंबई की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाली गरीब गर्भवती महिलाओं को हो रही गंभीर एनीमिया की समस्या की जांच करने पर पता चला कि खराब आहार मिलने की वजह से यह समस्या पैदा हो रही है.जिसके बाद लूसी ने इस बीमारी से गर्भवती महिलाओं को बचाने के लिए शोध शुरू किया.
उन्होंने सबसे पहले इसका एक्सपेरीमेंट चूहों और बंदरों पर किया. अनीमिया की समस्या को रोकने के लिए भोजन में खमीर का इस्तेमाल किया. खाने में मिलाए गए खमीर एक्सट्रैक्ट का बाद में नाम बदलकर फॉलिक एसिड रखा गया. लूसी द्वारा बनाए गए इस एक्सपेरीमेंट को विल्स फैक्टर का नाम दिया गया. अब इस दवाई का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए हो रहा है. आज भी फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी दवा बनी हुई है.
आज लूसी विल्स का 131वां जन्मदिन है, जिसे गूगल कलरफुल डूडल बनाकर सेलिब्रेट कर रहा है गूगल ने डूडल में लूसी को लैबॉरिटी में काम करते हुए दिखाया है और इसके साथ ही टेबल पर ब्रेड और चाय रखी है.
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