यह दिवस विश्व भर में ‘इंटरनेशनल डे ऑफ रुरल विमेन’ के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित विकासशील देशों की कुल कृषि श्रम शक्ति में 40% महिलाएं शामिल हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और किशोरियों के संसाधनों और संपत्तियों, सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरतों और स्वच्छ परिवेश का अभाव है.
स्थापना, महत्व और उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2007 को अपने संकल्प 62/136 में अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस की स्थापना को मंजूरी दी थी. भारत की बात करें तो एक ओर महिलाओं को देवियों के रूप में पूजा जाता है, दूसरी ओर महिलाओं के प्रति अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं.
अधिकांश ग्रामीण महिलाएं न केवल आर्थिक गरीबी से बल्कि ‘सूचना की कमी’ से भी पीड़ित हैं. सरकार लगातार ग्रामीण महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को पूरा और जीवन के सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण फैसलें लेने में उनकी पूर्ण और समान भागीदारी का समर्थन करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.संयुक्त राष्ट्र भी ग्रामीण महिलाओं से संबंधित सभी मुद्दों, नीतियों और कार्यक्रमों को आकार देने में ग्रामीण महिलाओं के नेतृत्व और भागीदारी का समर्थन कर रहा है, जो उनके जीवन करेगा.
भारत में ग्रामीण महिलाओं की स्थिति
‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ की रिपोर्ट और 2014-15 में हुई जनगणना के अनुसार देश में लगभग 12 करोड़ महिलाएं सीधे कृषि कार्यों से जुड़ी हैं. साक्षरता की कमी, कृषि कौशल, निम्न मजदूरी, महिला श्रम कानूनों की अनदेखी और उचित स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रही हैं. हालांकि सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाकर इन्हें लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन इन योजनाओं का ग्रामस्तर पर उचित कार्यान्वयन नहीं हो पाता.
दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम)
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY) जून 2011 शुरु किया गया था. इस मिशन का उद्देश्य विश्व बैंक समर्थन और सहायता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को उचित शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार और कृषि कौशल के लिए मंच उपलब्ध कराना है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक लगभग 1.25 करोड़ ग्रामीण महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं.
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“भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में महिला कृषकों का योगदान सराहनीय है, उनके इस योगदान को मान्यता प्रदान करने और उन्हें सम्मानित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय महिला किसान दिवस मनाया जाता है.” - केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर
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