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अनाथों की मां सिंधुताई सपकाल का निधन, लावारिस बच्चों को समर्पित किया अपना पूरा जीवन

अनाथों की मां, सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सिंधुताई सपकाल का निधन हो गया है. उनके निधन से सभी लोग बहुत दुखी हैं. महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र वर्धा जिले में रहने वाली सिंधुताई गरीब और अनाथ बच्चों की मां थी. जिन्होंने देशभर में कुशल काम कर अपना नाम रोशन किया.

स्वाति राव
Sindhutai Sapkal
Sindhutai Sapkal

अनाथों की मां, सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सिंधुताई सपकाल का निधन हो गया है. उनके निधन से सभी लोग बहुत दुखी हैं. महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र वर्धा जिले में रहने वाली सिंधुताई गरीब और अनाथ बच्चों की मां थी. जिन्होंने देशभर में कुशल काम कर  अपना नाम रोशन किया.

आपको बता दें कि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल को प्यार से 'अनाथ बच्चों की मां' कहा जाता है. सूत्रों के मुताबिक, डेढ़ महीने पहले उसकी हर्निया की सर्जरी हुई थी और रिकवरी बहुत धीमी थी. उन्हें गैलेक्सी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बीती रात करीब 8 बजे दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई.

सिंधुताई सपकाल का परिचय (Introduction To Sindhutai Sapkal)

सिंधुताई सपकाल एक गरीब घर से थी, जिन्होंने उन्हें अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना किया. उन्हें चौथी कक्षा पास करने के बाद स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. मगर फिर भी उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए संस्थानों की स्थापना की. पिछले साल पद्मश्री भी मिला था.

12 साल की छोटी सी उम्र में ही उसकी शादी 32 साल के एक शख्स से कर दी गई थी. तीन बच्चों को जन्म देने के बाद पति ने उन्हें गर्भवती होने पर छोड़ दिया था. उनके माता-पिता ने भी मदद करने से इनकार कर दिया था. असहाय और गरीब होने की वजह से उन्हें अपनी बेटियों की परवरिश करने के लिए भीख माँगनी पड़ती थी. मगर उन्होंने इन सभी संकट का सामना करते हुए विजय प्राप्त की. इसके साथ ही अनाथों के लिए काम करना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि उन्होंने कई अनाथ बच्चों की परवरिश की और उन सभी अनाथ बच्चों की शादियाँ भी की.

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मराठी बायोपिक भी बनी (Marathi Biopic Also Made)

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2010 में सिंधुताई पर एक मराठी बायोपिक, "मी सिंधुताई सपकाल" रिलीज़ हुई. इसे 54वें लंदन फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चुना गया है.

बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सिंधुताई के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हजारों बच्चों की देखभाल करने वाली सपकाल मां के रूप में साक्षात देवी थीं. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके निधन से महाराष्ट्र ने एक मां खो दी है. उन्होंने प्रतिकूलताओं का सामना अपना जीवन उन लोगों को समर्पित कर दिया, जिन्हें समाज ने खारिज कर दिया था.

English Summary: sindhutai sapkal, popularly known as the mother of orphan children, is no more among us all Published on: 05 January 2022, 12:57 PM IST

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