किसान रात दिन मेहनत कर फसलों का उत्पादन करते हैं, लेकिन कई बार फसल कीट व रोग के लगने की वजह से बर्बाद हो जाती है. इसमें दीमक भी शामिल है. कई बार फसल में दीमक के प्रकोप से अच्छी पैदावार प्राप्त नहीं होती है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे दीमक से फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं?
दरअसल, दीमक एक पोलीफेगस कीट होता है. आमतौर पर यह सभी फसलों को नष्ट कर देता है. दीमक फसल में कई प्रकार से लगती है. जैसे कि यह भूमि के अंदर अंकुरित पौधों को चट कर जाती हैं. इसके अलावा दीमक जमीन में सुरंग बनाकर पौधों की जड़ों को खा जाती है. अगर इसका प्रकोप अधिक है, तो यह तने को भी खा जाते हैं. दीमक सरसों, चना, गेहूं व अन्य फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
आपको बता दें कि दीमक का प्रकोप होना फसल के काफी खतरनाक हो सकता है. यह समूह कार्यों के आधार पर कई श्रेणियों में पाया जाता है जैसे- राजा, रानी, श्रमिक और सैनिक दीमक आदि. इनमें से केवल श्रमिक दीमक ही ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाता है. यह दीमक कई प्रकार की फसलों, वृक्षों, सब्जियों जैसे- गन्ना, गेहूं, मक्का, मूंगफली, जौ, चना इत्यादि फसलों में भारी नुकसान पहुंचाती हैं.
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दीमक से फसलों पर होने वाले लक्षण (Symptoms Caused By Termites On Crops)
जब दीमक बीजों, फसल पर आक्रमण करती है, तब जमीन के निचले स्तर से फसलों की जड़ों को काट देती है. जब जड़ें कट जाती हैं, तो पौधे सूखने लगते हैं. इसकी वजह से पौधा कमजोर हो जाता है और पौधे की पत्तियां सूख जाती है. इसके बाद पूर्ण रूप से पौधा सूख कर बर्बाद हो जाता है.
फसलों पर दीमक से कैसे करें नियंत्रण (How To Control Termites On Crops)
अगर यदि फसल में दीमक लग जाता है, तो इसके लिए किसी कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. अगर खड़ी फसल है, तो इसके लिए 2 लीटर क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी को 2 लीटर पानी में मिलाकर ऐसे कुल 4 लीटर घोल को 20 किलोग्राम रेत में मिलाएं. इसके बाद फसल में एकसार छिड़काव करके सिंचाई कर दें. इस प्रक्रिया से फसल से दीमक के प्रकोप से बचाव किया जा सकता है.
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