International Solar Assembly: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा के 3 दिवसीय सातवें सत्र का समापन आज यानी 6 नवंबर 2024 को नजफगढ़ में हुआ है. बता दें, नई दिल्ली के भारत मंडपम में आईएसीए के इस सातवें सत्र का आयोजन किया जा रहा था. इस बैठक में सदस्य देशों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए सशक्त बनाना और इसके लिए वित्त जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. सत्र का समापन दिल्ली के बाहरी इलाके में एक फार्म के दौरे के साथ हुआ जहां एग्रीवोल्टाइक सिस्टम का उपयोग दिखाया गया.
नजफगढ़ में स्थित इस फार्म को भारत एग्रीवोल्टाइक्स एलायंस द्वारा संभाला जाता है. इसकी पहल राष्ट्रीय सौर ऊर्जा महासंघ (NSEFI) और अन्य संगठनों के द्वारा की गई है, जिसका उद्देश्य भारत में एग्रीवोल्टाइक्स को बढ़ावा देना है. एग्रीवोल्टाइक्स में एक ही जमीन पर खेती और सौर ऊर्जा उत्पादन दोनों किए जाते हैं.
आपको बता दें, सोलर इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) उद्योग में सनमास्टर एक अग्रणी कंपनी है, साथ ही इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक अच्छा डेवलपर है. कंपनी ने एग्रीवोल्टाइक की अभिनव अवधारणा को प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली के बाहरी इलाके में दो प्रदर्शन स्थल स्थापित करके महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 2.5 मेगावाट है.
एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-1
एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-1 का उद्देश्य सौर ऊर्जा और कृषि को जोड़ना है. इसकी क्षमता 2527 kWp है, और इसमें सनपावर के सौर मॉड्यूल और फ्रोनियस इको इन्वर्टर का उपयोग किया गया है, जो ऊर्जा को कुशलता से रूपांतरित करते हैं. इस परियोजना की संरचना हॉट डिप गैल्व तकनीक से बनाई गई है, जो इसे जंग से बचाती है, और इसकी ऊंचाई 4.3 मीटर है, जिससे नीचे फसलों की खेती के लिए जगह मिलती है.
इस प्लांट में 3.4 एकड़ क्षेत्र में फैली इस परियोजना में लगभग 10% क्षेत्र खुला रखा गया है. एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-1, सौर ऊर्जा उत्पादन और कृषि का प्रभावी संगम है, जो नवीकरणीय ऊर्जा और खेती दोनों को बढ़ावा देता है.
एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-2
एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-2 का उद्देश्य सौर ऊर्जा और कृषि को एक साथ जोड़ना है. इसकी कुल क्षमता 2449 किलोवाट पीक (kWp) है, जिसमें वार्री बाय-फाई (Waaree Bi-Fi) सौर मॉड्यूल और फ्रोनियस इको (Fronius Eco) इन्वर्टर का उपयोग किया गया है. इस संयंत्र की संरचना हॉट डिप गैल्व (Hot Dip Galv) तकनीक से बनी है, जिससे यह जंगरोधी है, और इसकी ऊंचाई 4 मीटर रखी गई है ताकि नीचे खेती की जा सके.
यह संयंत्र 4 एकड़ में फैला है, जिसमें 22% खुला क्षेत्र है ताकि सूर्य की रोशनी फसलों तक पहुंचे. एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट-2 सौर ऊर्जा और कृषि के संतुलित उपयोग का आदर्श उदाहरण है, जो नवीकरणीय ऊर्जा और खेती को एक साथ बढ़ावा देता है.
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