विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ में बीज निगम ब्लैक लिस्टेड कंपनी (Beej Nigam Blacklisted Company) के करोड़ों भुगतान के मामले को सदन में उठाया और कहा कि अब ब्लैक लिस्टेड कंपनी को किए गए करोड़ों के भुगतान की पूरी जांच अब विधानसभा की कमेटी करेगी.
जिसके बाद सदन में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने अपनी गलती मानी और कहा कि ब्लैक लिस्ट कंपनी को बकाया भुगतान करना गलत था. इस भुगतान की जानकारी पता चलने के बाद धरमलाल कौशिश ने विधानसभा की कमेटी (Assembly committee) से इस पूरे मामले की सही से जांच करने की मांग की. लेकिन कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस जांच की मांग को खारिज करने को कहा और उन्होंने कहा कि विधानसभा की कमेटी से जांच कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है.
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इसी क्रम में विपक्ष विधायक अजय चंद्राकर ने भी कहा- कल इसी सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ सरकार सजग है, जिसमें एक साथ करीब 15 अधिकारियों को कल सदन में निलंबित किया गया. इस प्रकरण से सब कुछ स्पष्ट हो जाता है फिर क्यों जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कराई की जा सकती है. इन सब मालमों को देखते हुए ही विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा की कमेटी से जांच कराने का ऐलान किया है.
आपको बता दें कि मंत्री रविन्द्र चौबे के द्वारा सदन की समिति से जांच पर सहमति जताने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा की कमेटी से इस मामले में जांच कराने का ऐलान किया.
ये था पूरा मामला (this was the whole matter)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीज एवं कृषि विकास निगम (Seeds and Agriculture Development Corporation) के माध्यम से त्रिमूर्ति प्लांट साइंस फर्म को ब्लैक लिस्टेड के जाने के बाद से 2 करोड़ 61 लाख रुपए की धनराशि का भुगतान कर दिया गया था.
मगर संसद में मंत्री रविंद्र चौबे ने भुगतान को गलत ठहराते हुए इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए. उन्हें सदन में यह भी कहा कि जांच कमेटी के सभी सदस्यों का चुनाव होने के बाद नाम ऐलान जल्दी ही किया जाएगा.
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