ट्रांसडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (टीडीयू), बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं ने पशुओं को लगने वाले थनेला और अन्य संक्रामक रोगों से जंग में एक नया किर्तिमान हासिल किया है. रिसर्चर्स् ने मवेशियों में मौजूद सक्रिय करक्यूमिन कंपाउंड के साथ एक प्राकृतिक फाइटोकेमिकल के इम्यूनोमोड्यूलेशन से पशुओं में होने वाले थनेला सहित अन्य विकारों का सफलतापूर्वक इलाज संभव है.
टीडीयू में इस शोध के प्रधान रहे डॉ. टी.पी. सेतुमाधवन ने इस उपलब्धि पर कहा कि मवेशियों में मौजूद प्रोटीन, इंटरफेरॉन, इम्यूनोग्लोबुलिन (आईजीएम), लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स को बढ़ाकर थनेला सहित अन्य संक्रामक रोगों से प्रतिरक्षा की जा सकती है. हमारे इस शोध में बीमारी से प्रभावित मवेशियों के पाचन शक्ति सूचकांक का अध्ययन करने पर पता चला कि इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में करक्यूमिन कंपाउड के फाइटोकेमिकल के इम्यूनोमोड्यूलेशन से दूग्ध में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इस दौरान मवेशियों में थनेला का संक्रमण भी कम होता रहा.
शोध के दौरान दूसरे महीने में दुग्ध उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़ा
शोधकर्त्ताओं की टीम के सदस्य रहे डॉ. एमएन बालकृष्णन नायर और डॉ. सीएन विष्णुप्रसाद ने संयुक्त रूप से कहा कि इस शोध के दौरान 90 दिनों के अंतराल में बीमार गायों में प्रोटीन C3 की 1.42 गुना वृद्धि हुई. 45वें दिन गायों मे इंटरफेरॉन गामा की 1.48 गुना वृद्धि हुई. दुधारू गायों में 45वें दिन आईजीएम एंटीबॉडी की 1.89 गुना तक वृद्धि दर्ज की गई. शोध के दूसरे महीने के बाद दुग्ध उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
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इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में करक्यूमिन कंपाउड के सफल परीक्षण का प्रयोग केरल के तृश्शूर स्थित पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और ट्रांसडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (टीडीयू) की आणविक प्रयोगशाला में किया गया है.
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