किसानों की असामान्य वर्षा के कारण हर साल फसलों को नुकसान होता है. इस समस्या को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा फैसला लिया, जिसमें खराब फसल से प्रभावित किसानों को राहत देने की बात कही. उन्होंने बेमौसम बरसात से किसानों को हो रहे फसल नुकसान पर 10 दिनों के अंदर गिरदावरी करवाकर मुख्यालय में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए है, जिससे किसानों को तत्काल रुप से सहायता की जा सके. फसल खराबे का आकलन करने के ही प्रभावित किसानों को नियम के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही गुलाबी सुंडी कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों को भी मुआवजा मिलेगा.
किसान ने अपने खेत के कितने रकबे में कौन सी फसल की बुवाई की है. यह जानकारी पटवारी या लेखपाल द्वारा राज्य सरकार के दस्तावेज में दर्ज कराई जाती है. इसे गिरदावरी कहते हैं.
कपास में गुलाबी सुंडी कीट से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा
कपास में होने वाली गुलाबी सुंडी के प्रकोप से किसानों को काफी समस्याओँ का सामना करना पड़ता है. इस साल 73 हजार काश्तकारों की फसल खराब होने का अंदेशा है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीम योजना के तहत गुलाबी सुंडी कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाता है. वर्तमान में फसल खराबे का आकलन और उपज आकंडों के आधार पर क्लेम दिया जाएगा.
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माना जा रहा है कि काश्तकारों को कृषि आदान अनुदान राशि का भुगतान देरी से हुआ. इसके तहत मुख्यमंत्री ने 11 जुलाई 2023 को एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन कर प्रावधान समाप्त कर दिया. संशोधित के अनुसार किसानों को कृषि आदान-अनुदान का भुगतान किया गया है. वहीं शेष किसानों को भी जल्द भुगतान कराया जाए.
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लंबित बीमा क्लेम को जल्द किया जाए वितरित
जैसा कि हर साल राज्य में प्राकृतिक आपदा बाढ, सूखा, ओलावृष्टि पाला और शीतलहर से प्रभावित किसानों को 968.48 करोड़ रुपए का कृषि आदान अनुदान वितरित किया गया है.
इसके साथ ही 2022-23 में 1895 करोड़ किसानों को बीमा क्लेम दिया जा चुका है.
वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी की फसलों पर लंबित बीमा क्लेम को वितरित कराए जाने के निर्देश दिए है.
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