
राजस्थान सरकार ने एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई कंपनी के एक कीटनाशक उत्पाद में गलत ब्रांडिंग (Misbranding) और उससे सोयाबीन फसल को नुकसान पहुंचने की शिकायतों के बाद की गई है.
पंत कृषि भवन, जयपुर स्थित कृषि आयुक्तालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय भारत सरकार के पौध संरक्षण, संगरोध एवं भंडारण निदेशालय (DPPQS) से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर लिया गया.
कंपनी का कीटनाशक उत्पाद क्लोरीम्यूरॉन एथाइल 25% WP (बैच नंबर: KE-04, निर्माण तिथि: 26.03.2025, समाप्ति तिथि: 25.03.2027) कई जिलों में सोयाबीन फसल को नुकसान पहुंचाने के लिए उत्तरदायी पाया गया. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उत्पाद की ब्रांडिंग भ्रामक थी, जो कीटनाशक अधिनियम, 1968 की धारा 17 का उल्लंघन है.
इसके चलते कंपनी के खिलाफ धारा 17 और 18 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही, धारा 14 के तहत कार्रवाई करते हुए कंपनी के तीन लाइसेंस – L-38, L-120 और L-210 – को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसमें अलवर जिले के खुश्केड़ा और कोटपुतली-बहरोड़ स्थित इकाइयाँ शामिल हैं.
राज्य सरकार ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह राजस्थान स्थित अपने सभी संयंत्रों में कीटनाशकों का उत्पादन, बिक्री और वितरण तत्काल बंद करे. यह निलंबन अगली जांच रिपोर्ट और अंतिम आदेश तक प्रभावी रहेगा.
यह कदम किसानों की सुरक्षा और फसलों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बचा जा सके.
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