इस साल के मानसून में हुई बारिश कई राज्यों के किसानों के लिए आफत बन कर आई. पंजाब में आई बाढ़ को लेकर कई गाँव बाढ़ में डूब गए थे. जिसके चलते किसानों की फसलें तो पूरी तरह से बर्बाद हुई हीं साथ ही जन जीवन भी अस्त-व्यस्त हुआ. लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की कोई भी संभव मदद नहीं की है. जिसको लेकर कई किसान संगठनों ने 28 सितंबर से एक बड़े आन्दोलन की तैयारी की है.
क्या हैं आन्दोलन के मुद्दे
पंजाब के बहुत से किसान बाढ़ के चलते कर्जे में डूब गए हैं. जिसके चलते किसानों की मांग है कि सरकार बाढ़ के चलते किसानों को हुए नुकसान की वित्तीय भरपाई के लिए पैकेज की घोषणा करे एवं किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ़ करे.
एमएसपी के लिए कानून गारंटी भी बनेगा बड़ा मुद्दा
किसानों के इस आन्दोलन में कई किसान संगठन भी हिस्सा ले रहे हैं. जिसमें किसान मजदूर समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर अभी तक कुल 19 किसान संगठनों के साथ वार्ता की है. जिसमें लगभग सभी ने इस आन्दोलन में हिसा लेने की बात कही. इस आन्दोलन में एमएसपी के लिए कानून गारंटी भी एक बड़ा मुद्दा है. जिसके चलते ही अन्य प्रदेशों के किसान भी आन्दोलन का हिस्सा बन रहे हैं.
आन्दोलन में 12 जगहों पर किसान रोकेंगे रेल
किसानों ने अपने इस आन्दोलन में रेल रोकने का फैसला किया है. किसान नेता पंधेर की माने तो इस बार किसान आन्दोलन में 12 जगह रेल रोक कर प्रदर्शन करेंगे. पंधेर ने बताया कि आन्दोलन में किसान पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, अमृतसर, मोगा, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और, गुरदासपुर में कुल 12 स्थानों पर ट्रेन रोको आन्दोलन शुरू करेंगे. किसानों के इस आन्दोलन में साथ देने वाले संगठनों में उत्तर भारत के कई प्रदेशों के किसान संगठन शामिल हो रहे हैं जिनमें सबसे प्रमुख किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), भारती किसान यूनियन (एकता आज़ाद), आज़ाद किसान समिति दोआबा, भारती किसान यूनियन (बेहरामके), भारती किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह), शामिल हैं.
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भारती किसान यूनियन (छोटू राम), किसान महापंचायत (हरियाणा), पगड़ी संभाल जट्टा (हरियाणा), प्रगतिशील किसान मोर्चा (उत्तर प्रदेश), भूमि बचाओ मुहिम (उत्तराखंड) और राष्ट्रीय किसान संगठन (हिमाचल प्रदेश) के किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं.
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