पिछले दो महीनों से अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन आज ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक हो गया है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों से आए किसान आज काबू से बाहर हो गए हैं, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठियां चलाई.
लाल किले पर आ गए किसान
गौरतलब है कि रैली के लिए दिल्ली पुलिस से करार किए गए तीन रूटों के अलावा किसानों का कुछ दल लाल किले और इंडिया गेट की तरफ बढ़ गया. दोपहर होने तक कई किसान दिल्ली बॉर्डर से आईटीओ पहुंच चुके थे, जहां पुलिस मुख्यालय से कुछ दूरी पर खूब तोड़फोड़ हुई और पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.
फहराया अपना झंडा
इस बीच आंदोलनकारियों का एक भारी दल लाल किले तक पहुंच गया. हालांकि पुलिस ने उन्हें बार-बार समझाने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने. भारे हंगामे के बीच आंदोलनकारियों ने लाल किले पर अपना झंडा फहरा दिया.
डीटीसी बसों को नुकसान
खबर लिखे जाने तक आंदोलनकारियों द्वारा कई डीटीसी बसों और सार्वजनिक संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंच चुका था. किसानों ने न सिर्फ डीटीसी बसों के शीशे तोड़े, बल्कि कई जगह पर भारी पथराव भी किए.
राहुल गांधी ने की शांति की अपील
इस आंदोलन को कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को भी भारी चोट आई है. कई मीडियाकर्मी जख्मी हैं. अभी तक राहुल गांधी समेत विपतक्ष के कई बड़े नेताओं ने किसानों को शांति के साथ विरोध करने को कहा है. अपने एक ट्विट में राहुल गांधी ने किसानों को समझाते हुए कहा कि “हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है, चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा, देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!”
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