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कोंडागांव में हाजियों का सम्मान बनी एकता की मिसाल

कोंडागांव में हाजियों के सम्मान कार्यक्रम ने हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की. साहित्यकारों, कवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काव्य गोष्ठी व संबोधनों के जरिए सौहार्द का संदेश दिया. झिन्द के पत्तों से बने अनूठे गुलदस्ते और सामूहिक अभिनंदन इस आयोजन की विशेषता रहे.

डॉ राजाराम त्रिपाठी
Dr Rajaram Tripathi
  • झिन्द (बस्तर खजूर) के पत्तों से बने कभी न मुरझाने वाले गुलदस्ते आदिवासी छात्रों ने तैयार किए, जो भाईचारे की अनूठी मिसाल हैं.

  • भारत में पहली बार साहित्यकारों और प्रबुद्ध नागरिकों के नेतृत्व में सर्वसमाज ने अपने नगर के हाजियों का अभिनंदन किया.

  • कवियों, साहित्यकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर एकता और राष्ट्रीय शक्ति का सशक्त संदेश दिया.

माँ दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट, कोंडागांव के बईठका हाल में छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव इकाई, हिंदी साहित्य भारती इकाई कोंडागांव, ककसाड़ (जनजातीय सरोकारों की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका), सम्पदा स्वयंसेवी संस्थान,आदिवासी शोध एवं विकास संस्थान (TWRF)के संयुक्त तत्वावधान में मुअज्जिज हाजियों का सम्मान एवं नागरिक अभिनंदन सह काव्य गोष्ठी का ऐतिहासिक आयोजन सम्पन्न हुआ.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बहुचर्चित राष्ट्रीय पत्रिका सूत्र के संपादक व विख्यात कवि विजय सिंह रहे तथा अध्यक्षता ककसाड़ पत्रिका के संपादक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने की.

विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे: हाजी मो. यासीन, हाजी मो. इदरीश, हाजी मो. इमरान मेमन, हाजी मो. असरार मेमन, हाजी मो. असलम मंसूरी, हाजी मो. आरिफ, हाजी फैज़ मो. खान, हाजी शेख रमजान हुसैन, हाजी युसूफ रजवी, हाजी तकी रजवी, हाजी उमर मेमन, हाजी मो. वाहिद, हाजी सलीम मेमन, हाजी खलील जागीरदार, हाजी मो. हबीब, हाजी सैय्यद युसूफ हाजी, हाजी मोईनुद्दीन बड़गुज़र, हाजी सिद्दीक सिल्लाट, हाजी रफीक कापड़िया, हाजी लुकमान सिल्लाट, हाजी मजीद मोतीवाला, हाजी सैय्यद कादर, हाजी मो. अनवर और हाजी सिराजुद्दीन.

विशेष आमंत्रित अतिथि रहे - छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के अध्यक्ष हरेंद्र यादव, साहित्यकार आदित्य विक्रम सिंह, कोंडागांव के लोकप्रिय पार्षद मनीष श्रीवास्तव, माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह के निदेशक अनुराग कुमार, सम्पदा समाजसेवी संस्थान की अध्यक्ष जसमती नेताम.

कार्यक्रम का संचालन शायर सैयद तौसीफ आलम ने अपने विशिष्ट अंदाज़ और शेरो–शायरी के साथ किया, जिसकी सभी ने सराहना की.

उद्बोधन : कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्ष डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने कहा, “अनेकता में एकता भारत की विशेषता और विरासत रही है. वर्तमान दौर में कुछ ताकतें हमारे परस्पर भाईचारे को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, पर उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे. यह मुल्क जितना किसी हिंदू का है उतना ही मुसलमान और हर धर्म के अनुयायियों का भी है. हमें मिलकर इस देश को मजबूत बनाना है, और एकजुट होकर प्रयास करेंगे तो हमें विश्व का नंबर वन देश बनने से कोई नहीं रोक सकता.”

सम्मान समारोह : इस अवसर पर सभी मुअज्जिज हाजियों का स्वागत इत्र लगाकर, शाल ओढ़ाकर और खजूर का उपहार देकर किया गया.

विशेष आकर्षण रहा,  झिन्द (बस्तर खजूर) के पत्तों से बने अनूठे गुलदस्ते, जिन्हें वरिष्ठ व्याख्याता साहित्यकार उमेश मंडावी ने अपने स्कूल के आदिवासी छात्रों से तैयार करवाया था. यह आदिवासियों की अद्वितीय पारंपरिक कला का उदाहरण है, जो कभी न मुरझाने वाले गुलदस्ते बनाकर भाईचारे की मिसाल प्रस्तुत करती है.

काव्य गोष्ठी एवं संबोधन:

  • हास्य–व्यंग्यकार उमेश मंडावी ने अपनी चर्चित चुनाव वाली कविता सुनाकर खूब तालियाँ बटोरीं.

  • युवा कवयित्री देशबती कौशिक ने हिंदू–मुस्लिम एकता पर केंद्रित कविता प्रस्तुत की.

  • वरिष्ठ साहित्यकार शिवलाल शर्मा की कविता ने सबको गहराई से प्रभावित किया और सामाजिक सौहार्द पर चिंतन को प्रेरित किया.

  • केशकाल से पधारे मानस सेवी लोकेश गायकवाड़ ने सभा को संबोधित किया और सम्मानित हुए.

  • वरिष्ठ साहित्यकार तथा बस्तर के इतिहासकार घनश्याम नाग की उपस्थिति भी विशेष रही.

  • कोंडागांव मुस्लिम समाज के सदर रहे, प्रमुख व्यवसायी व समाजसेवी मोहम्मद यासीन ने इस आयोजन को देश को मजबूत बनाने के लिए अनूठी शुरुआत बताया और हिंदू–मुस्लिम एकता पर अपनी कविता से सभा को भावविभोर कर दिया.

  • भाई ईरशाद रिज़वी जी ने बताया कि यह गजब का सहयोग है कि आज ही उनके पिता देश के मशहूर शायर जन्नतनशीं हयात साहब का जन्मदिन भी है. इसलिए या खुशी दुगनी हो गई है. डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि भविष्य में भी उनके जन्म दिवस पर इसी तरह साहित्यिक आयोजन किए जाएंगे.

  • मुख्य अतिथि विजय सिंह ने कहा कि “कोंडागांव में जैसा सामाजिक सौहार्द देखा, वैसा आज तक कहीं नहीं देखा. डॉ. त्रिपाठी के नेतृत्व में यह पहल पूरे देश को रास्ता दिखाएगी.”

  • विशिष्ट अतिथि, कवि जमील खान ने भी अपने संबोधन में सांप्रदायिक एकता की आवश्यकता पर बल दिया.

  • कोलकाता से आए साहित्यकार आदित्य विक्रम सिंह ने सामाजिक सद्भावना पर कविता सुनाकर खूब तालियाँ बटोरीं.

  • दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त तथा कुंडा गांव के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले ऋषभ जैन का भी सम्मान किया गया तथा उन्होंने भी सभा को संबोधित करते हुए देश की मजबूती के लिए राष्ट्रीय एकता को तथा सामाजिक सद्भाव को महत्वपूर्ण बताया.

  • पेंशनर समाज की अध्यक्ष इंजीनियर एस.पी. विश्वकर्मा ने भी सामाजिक सद्भाव पर सशक्त कविता प्रस्तुत की.

इस अवसर पर यह तथ्य विशेष रूप से रेखांकित किया गया कि -

भारत में साहित्यकारों और सर्वसमाज के प्रबुद्ध नागरिकों के नेतृत्व में अपने नगर के हाजियों का सामूहिक अभिनंदन करने की ऐसी परंपरा और कहीं देखने को नहीं मिली है.

सहयोग

कार्यक्रम की सफलता में वरिष्ठ व्याख्याता व प्रसिद्ध हास्य कवि उमेश मंडावी, हरदिलअज़ीज़ सैयद तौसीफ आलम, माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह के अनुराग त्रिपाठी, कृष्णा नेताम, शंकर नाग, माधुरी देवांगन, लालाराम नेताम आदि साथियों का विशेष योगदान रहा.अन्य गणमान्य जनों में पूर्व पार्षद इरशाद रिज़वी, सैयद शफीक,मजहर जमील खान, मोहम्मद अमजद, मोहम्मद फकीरा एवं वासिल खान इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

English Summary: progressive farmer dr Rajaram Tripathi unity in kondagaon hajis honored literary event message of harmony Published on: 12 September 2025, 05:55 PM IST

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