कंबख्त, इस कोरोना ने लोगों को ऐसा जख्म दिया है, जिसे शायद ही कभी भरा जा सकेगा. बेशक, कोरोना के कहर को खत्म करने के लिए वैक्सीन का ईजाद किया जा चुका है, मगर इस महामारी ने महज लोगों के शरीर, बल्कि उनकी आत्मा और मनों को इस कदर चोटिल किया है, जिसे यह वैक्सीन तो क्या, बल्कि दुनिया की कोई ताकत नहीं भर पाएगी. न जाने कितने ही लोगों ने कोरोना की इस त्रासदी में अपनों को खो दिया है, जिनका गम उन्हें ताउम्र रहेगा. वहीं, कोरोना के इस कहर ने पीएम मोदी से भी उनका एक दिल-ए-अजीज उनसे हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया. उनसे कभी पीएम मोदी का बड़ा आत्मीय संबंध था.
हमेशा के लिए अलविदा कह गए. बुधवार को उनका कोरोना से निधन हो गया. गुरुवार को उन्हें सुपर्द-ए-खाक कराया जाएगा. उनके निधन की खबर सुनकर उनके चाहने वालों में शोक की लहर है. हर कोई उनके निधन से दुखी है. इस बीच उनके अजीजों की फेहरिस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी दर्ज है, लिहाजा जैसे ही उन्हें यह खबर लगी कि मौलाना साहब नहीं रहे, तो पीएम मोदी ने अपने गम भरे दिल के बोझ को हल्का करने के लिए एक ट्वीट किया है, जो इस समय खासा वायरल हो रहा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'मौलाना वहीद्दुदीन खान के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. वे अपने अतुल्नीय ज्ञान, आध्यात्मिकता व आत्मिकता के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे. वे समाज सेवा व समाज सशक्तिकरण के लिए भी हमेशा याद किए जाते रहेंगे. उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में सात्वना मिले.'
1 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे मौलाना वहीद्ददीन खान इस्लाम के प्रख्यात ज्ञाता थे. वे पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने कुरान का इंग्लिश में अनुवाद किया था. साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. इसी वर्ष उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना था, लेकिन इससे पहले की उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाता कि कोरोना के बेरहम कहर उन्हें हम सबसे हमेशा-हमेशा के लिए जुदा कर दिया.
कैसा है कोरोना का कहर
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से भी ज्यादा घातक बताई जा रही है. इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमित की संख्या भी 3 लाख को पार कर चुकी है. वहीं, मौत का आंकड़ा भी एक हजार को पार कर गया है. ऐसे में गंभीर हो रहे हालातों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.
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