मोदी सरकार (Modi Government) की पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) का लाभ करीब 11 करोड़ 47 लाख किसान उठा रहे हैं. इस योजना के तहत पात्र किसानों को 6000 रुपए की राशि 2-2 हजार की 3 किस्तों में भेजी जाती है.
ऐसे में सभी किसानों के मन में सवाल उठता होगा कि 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट (Budget 2021-2022) में मोदी सरकार (Modi Government) क्या इसकी राशि में इजाफा करेगी या नहीं? आइए आपको बताते हैं कि इस संबंध में विशेषज्ञों का क्या कहना है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
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विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी बजट में सरकार को कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए स्वदेशी कृषि अनुसंधान, तिलहन उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती के लिए अतिरिक्त धनराशि और प्रोत्साहन देना चाहिए.
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उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का इस्तेमाल किसानों को सब्सिडी देने की जगह अधिक समर्थन देने के लिए होना चाहिए.
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पीएम किसान योजना में डीबीटी तंत्र को ठीक से तैयार करना चाहिए, साथ ही समय से सब्सिडी देने के बदले अधिक समर्थन देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह किसानों को तय करना चाहिए कि वे इस धन का सही इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं?
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विशेषज्ञों का मानना है कि किसान डीबीटी के लाभों के साथ बीज खरीद सकते हैं. नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही पानी का बेहतर उपयोग करने के साथ-साथ कई दूसरे काम किए जा सकते हैं.
खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रोत्साहन
कहा गया है कि किसानों के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने बेहतर कीमत पाने और बिचौलियों को कम करने में अहम भूमिका निभाई है. ऐसे में बजट में खाद्य प्रसंस्करण के लिए ब्याज प्रोत्साहन, करों में कटौती, प्रौद्योगिकी का उपयोग और विशेष प्रोत्साहन देना चाहिए.
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