समराला तहसील के किसानों ने इस दिवाली के लिए एक अच्छा फैसला किया है. रासायनिक खाद से रहित सब्जियां बीजने वाले किसान इस दिवाली पर आम लोगों को सब्जियां और लस्सी फ्री में देंगे. वे आस -पास के लोगों को ऑटो में घूमकर सब्जियां और लस्सी बाटेंगे. यह सब करने के पीछे किसानों का मुख्य उद्देश्य यही है की लोगों को रासायनिक खाद रहित सब्जियों के स्वाद का पता चले. जिसे वह रासायनिक खाद को छोड़ जैविक खाद का इस्तेमाल करेंगे तथा जैविक चीज़ों का सेवन करेंगे. इस संदर्भ में 8 किसानों ने मिलकर एक समूह बनाया है. इन्होंने फैसला किया है कि वह रासायनिक खादों के बगैर ही सब्जियां उगायेंगे और बेचेंगे. इन किसानों में गांव भौरला का गुरिंदर सिंह, घुलाल का सर्वनजीत सिंह, झाड़ साहिब का नरेंद्र सिंह, खालसपुर का सरबजीत सिंह, राजेवाल का बलदेव सिंह, दीवाला का सुखजीत सिंह, लोपों का मनिंदर सिंह, रूपा का सुखजिंदर सिंह आदि शामिल हैं यह वो किसान हैं जो लुधियाना में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में आत्मा बाजार के बैनर के अंदर गेट नंबर 3 पर स्टाल लगाकर सब्जियां बेच रहे हैं. किसानों ने बताया कि पिछले एक साल से वह रासायनिक खादों के बगैर सब्जिया उगाते आए हैं क्योंकि रासायनिक सब्ज़िया बाज़ारों में बिकने के कारण लोगों में नई -नई बीमारियां उत्पन्न हो रही है. किसान सब्जियां फ्री में देने के साथ ये गांव और शहर के निवासियों को जागरूक करेंगे जिससे वह रासायनिक खादों से उगाई सब्जियां ही खरीदें.
लोग अपने पुराने स्वाद को भी समय के साथ- साथ भूलते जा रहे हैं दिवाला का किसान बताता है कि शहर के लोग चाटी की लस्सी का स्वाद भूल गए हैं आज की पीढ़ी को तो यह भी पता नहीं है कि चाटी की लस्सी होती क्या है ? यह लस्सी काफी असरकारी और सेहत को स्वस्थ और तरोताज़ा रखती है. इसलिए उन्होंने लोगों को दोबारा चाटी की लस्सी का स्वाद याद दिलवाने के लिए स्टॉल लगाया है और यह भी कहां है कि अगर कोई ग्राहक उनकी लस्सी में मिलावट साबित कर देता है तो वो उसको ईनाम देंगे. वो यह सब सिर्फ लोगों को जैविक कृषि की तरफ जागरूक करने के लिए कर रहे हैं जिससे लोग ज्यादा मात्रा में जैविक सब्ज़ियों और उत्पादों का उपयोग करे.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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