कोरोना वायरस के कहर से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है. विगत 24 घंटे में 3 लाख 15 हजार मामले सामने आए हैं, जिससे देख प्रशासन सतर्क हो चुका है. वहीं, कई राज्य बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. ऐसे में कोरोना से बचाव हेतु सरकार की तरफ से वैक्सीन लगवाने के लिए कहा जा रहा है. यकीनन, इस बात में कोई दोमत और दोराय नहीं है कि कि इस खौफजदा माहौल में लोगों के बीच कोरोना की वैक्सीन बड़ी उम्मीद बनकर उभर रही है, लेकिन तब क्या करें, जब यह उम्मीद की किरण ही बुझने लगे.
जी हां...यह पढ़कर आपको जरूर झटका लग सकता है, लेकिन यह सच्चाई है, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बयां करते हुए नजर आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वैक्सीन लगवाने वाले हर 10 में से चार मरीज कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर बड़ी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार अपनी तरफ से वैक्सीन की उपयोगिता पर उठ रहे हर सवालों को बेबुनियादी ठहरा रही है, मगर स्वास्थ्य मंत्रालय के ये आंकड़े यकीनन तनिक हैरान करने वाले हैं.
जरा डालिए इन पर नजर
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में अब तक 93, 56,436 लोगों को वैक्सीन डोज दी जा चुकी है. जिसमें से 4,280 लोग वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित पाए गए हैं. वहीं, 695 लोग दूसरी डोज लेने के बाद संक्रमित हुए हैं. बता दें कि जब पहली दफा 10,03,02,745 लोगों ने कोवैक्सीन की पहली डोज ली थी, जिसमें से 17,145 लोग संक्रमित हुए थे. वहीं, जब 1,57,32,754 ने जब वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी, तो 5014 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ
वहीं, वैक्सीन की उपयोगिता पर उठे सवालों को लेकर आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव कहते हैं कि बेशक, कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित होने की संभावना है, मगर इससे गंभीर हालातों में पहुंचने की संभावना कम है, लिहाजा उन्होंने अधिकांश लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. इससे जुड़ी किसी भी अफवाहों पर ध्यान न दें.
तेजी से जारी है टीकाकरण
यहां हम आपको बताते चले कि देश में कोरोना से लगातार बिगड़ते हालातों को मद्देनजर रखते हुए टीकाकरण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है. कोरोना की पहली लहर के दौरान यह बताया गया था कि इससे सर्वाधिक खतरा बुजुर्गों को है, लेकिन दूसरी लहर के दौरान सर्वाधिक खतरा युवाओं को बताया जा रहा है. वहीं, अब तक 40 फीसद बुजुर्गों को टीका लगाया जा चुका है. अब तक 87 फीसद स्वास्थ्य कर्मचारी टीका लगवा चुके हैं. वहीं, आगामी एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है.
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