आजकल कई किसान फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग करने लगे हैं. मगर वह शायद नहीं जानते हैं कि इसका सीधा असर प्रभाव पर्यावरण के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. इसके साथ ही कृषि योग्य भूमि बंजर हो रही है.
ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि कृषि में रासायनिक खाद का उपयोग कम से कम किया जाए, साथ ही किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) शुरू की गई है. इस योजना के तहत पंजिकृत किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी प्रदान की जाती है.
क्या है परंपरागत कृषि विकास योजना? (What is Paramparagat Krishi Vikas Scheme?)
कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से नई परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) की शुरुआत की गई थी. यह योजना क्लस्टर पर आधारित है, जिसके जरिए केंद्र सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है और किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. यह योजना राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के अंतर्गत आती है, जो कि मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन का एक घटक है. केंद्र सरकार ने इस योजना पर अमल करने की जिम्मेदारी सभी राज्यों को सौंप रखी है
क्लस्टर बनकर किसान होते हैं शामिल (Farmers are formed by joining the cluster)
इस योजना के तहत 50 एकड़ क्षेत्र का एक क्लस्टर तैयार किया जाता है. एक क्लस्टर में 50 या उससे अधिक किसानों को शामिल किया जाता है. बता दें कि केंद्र सरकार ने योजना की शुरुआत के साथ 3 वर्षों के दौरान जैविक खेती के तहत 1000 क्लस्टर बनाने का लक्ष्य रखा था.
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत रजिस्ट्रेशन (Registration under Paramparagat Krishi Vikas Scheme?)
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इस योजना का लाभ उठाने के लिए कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा क्षेत्रीय परिषद के रूप में राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र गाजियाबाद से पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है.
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इसके अलावा आप अपने राज्य या जिले के कृषि विभाग में जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत सब्सिडी (Subsidy under Paramparagat Krishi Vikas Scheme?)
इस योजना के तहत प्रमाणन पर खर्च के लिए किसानों को किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी गई है. बता दें कि हर किसान को 3 साल तक प्रति एकड़ कुछ हजार रुपए देने का प्रावधान है. इसके साथ ही किसान फसलों की पैदावार के लिए जरूरी सामान, बीज खरीदने और उपज को बाजार में पहुंचाने के लिए पैसों का उपयोग करेंगे.
परंपरागत कृषि विकास योजना का उदेश्य (The purpose of the Paramparagat Krishi Vikas Scheme?)
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किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है.
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कृषि में बढ़ते रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के उपयोग को कम करना है.
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जैविक उत्पादों को प्रमाणीकरण और विपणन को प्रोत्साहित करना है.
परंपरागत कृषि विकास योजना से किसानों को फायदा (Farmers benefit from Paramparagat Krishi Vikas Scheme?)
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इस योजना के तहत प्रमाणिक जैविक खेती की जाएगी, जिससे वाणिज्यिक जैविक उत्पादन को बढ़ावा मिल सकेगा.
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उपज कीटनाशक मुक्त होगी.
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उपभोक्ता के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योगदान मिलेगा.
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सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाना चाहती है.
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व्यापारियों के लिए एक संभावित बाजार भी तैयार करने का लक्ष्य है.
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सरकार किसानों को प्राकृतिक संसाधन जुटाने के लिए प्रेरित कर रही है.
आप अधिक जानकारी के लिए https://pgsindia-ncof.gov.in/pkvy/index.aspx पर जाकर विजिट कर सकते हैं.
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