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पामा एग्रिको संस्था को आरवीसीई का सहयोग

कृषी क्षेत्र का भविष्य तकनीकी प्रगति पर निर्भर करने वाला है, इस तत्थ को स्वीकार कर लिया गया है. इसके तहत कई निर्णय लिए गए. इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि के क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बना रही कंपनी पामा एग्रिको ने हाल ही में आरवीसीई के साथ एक करार किया है.

 

कृषी क्षेत्र का भविष्य तकनीकी प्रगति पर निर्भर करने वाला है, इस तत्थ को स्वीकार कर लिया गया है. इसके तहत कई निर्णय लिए गए. इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि के क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बना रही कंपनी पामा एग्रिको ने हाल ही में आरवीसीई के साथ एक करार किया है.  आज के समय में कृषि मशीनरी की मांग तेजी से बढ़ रही है. बशर्ते की मशीनरी गुणवत्ता वाली होनी चाहिए.  भारत के सबसे तेजी से बढ़ते कृषी उपकरण अनुसंधान एवं विकास संगठन, पामा एग्रिको,  अपने अनुसंधान एवं विकास सहयोग के लिए, सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक, आरवीसीई (आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु) के साथ सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय को पुष्टि की है.यह करार निहित कृषी उद्योग चुनौतियों को अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास के माध्यम से समाधान करने उद्देश्य से किया गया है.

 

विश्व  की आर्थिक महाशक्तियां कहे जाने वाले अनेक देश अपने विनिर्माण क्षमताओं के  साथ अपने देश  की प्रगती के  लिए किस प्रकार से योगदान देते हैं इस विषय का विवरण और इसी विषय का भारतीय परिदृश्य में परिपालन करने के उद्देश्य रखने वाले, पामा एग्रीको संस्थान के संस्थापक श्रीनिवास पी. कामिसेट्टी  कहते हैं कि, "भारत की 50% आबादी ग्रामीण क्षेत्र से है और कृषी संबंधित अनिश्चितताओं से जूझती हैं. लागत प्रभावी, टिकाऊ और आसानी से उपयोग किए जाने वाले कृषी उपकरण जो प्राकृतिक जलवायु परिवर्तनो के अनुपालन में है, और अर्थव्यवस्था के वृद्धि के परिणामस्वरूप देश की स्थिति में भी सुधार होगा. श्रीनिवस कहते हैं कि "आरवीसीई स्टेट आफ आर्ट, अनुसंधान एवं विकास केंद्र है जो कई पेटेंट के पोषक हैं, और इस प्रतिष्ठित संस्थान का भूतपूर्व छात्र होने के कारण यह विकल्प काफी स्वाभाविक रूप से आता है." आरवीसीई के प्राचार्य डॉ.के. एन. सुब्रमण्यम का कहना हैं कि, "हम पामा अग्रिको के रिसर्च एंड डेवलपमेंट की पहल के साथ सहयोग करने और तकनीकी विकास पर उनके साथ काम करने में खुशी रखते हैं." आर्थिक दबाव के परिणामस्वरूप बढती व्यापारिक जटिलताओं के समाधान में शैक्षणिक-औद्योगिक भागीदारी ने अच्छी गति  प्राप्त की हैं, ऐसे सहयोगों के परिणाम से लोगों के कार्यक्षमता में वृद्दि  नए ज्ञान और आचरण अनुसंधानों के साथ औध्योगिक क्षेत्र में नये  मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान होती हैं.

 

आरवीसीई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. श्रीधर आर और प्रोफेसर गंगाधर अंगडी के अनुसार "यह देखा गया है कि विनिर्माण उद्योग में काम कर रहे छात्रों को सेवा उद्योग क्षेत्र के तुलना में नौकरी की संतुष्टि  उच्च स्तर की होती हैं; इसलिए हम विनिर्माण उद्योग के संपर्क में उत्कृष्ट  रूप में विचार करते हुए इस साझेदारी को सक्षम करने के लिए पामा एग्रिको संस्थान का आभार व्यक्त किया. " शैक्षणिक-उद्योग अनुसंधान एवं विकास साझेदारी को कारोबारी माहौल में मानक के रूप में उद्धृत किया गया है जो वैज्ञानिक खोजों और तकनीकी सफलताओं के अनुसार पुनर्मिलन करने के कारण है और इन तकनीकी सफलताओं को प्रदान करना, यही औधोगिक क्षेत्र से अपेक्षित की जाती हैं. नए स्तर पर मशीनीकरण को ले जाने से इंजीनियरिंग प्रगति -  इस तत्व पर स्थापित पामा एग्रिको संस्थान का मानना है की, आर एंड डी क्षेत्र में अपने गहन प्रयासों से यह संस्थान  मार्किट में विभिन्नता का प्रतीक बनने वाली है.

 

English Summary: Paama Agrico News Published on: 02 April 2018, 05:35 AM IST

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