बेशुमार कोशिशों के बावजूद भी कोरोना का कहर (Coronavirus) थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं. आलम यह है कि अस्पतालों में संसाधनों के अभाव में लगातार मरीजों के दम तोड़ने का सिलसिला जारी है. बेशक, सरकार अपनी तरफ से लाख कोशिशें करने का दावा करती हो, मगर जमीनी हालात यकीनन बेहद ही भयावह बने हुए हैं.
अब तोस्थिति ऐसी बन चुकी है कि अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाए गए, तो वो दिन दूर नहीं, जब कोरोना की तीसरी लहर भी अपना तांडव दिखाने पर आमादा हो जाएगी. इस बीच पंजाब में आक्सीजन की कमी का मामला सामने आया है. खबर है कि मौजूदा समय में वहां महज 5 से 6 घंटे का ही ऑक्सीजन की बचा है. अगर समय रहते प्रदेश सरकार को ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराए गए, तो स्थिति भयावह हो सकती है. हालांकि, पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के संज्ञान में अपने यहां ऑक्सीजन की कमी की समस्या पहुंचा दी है. अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब को कब तक आक्सीजन मुहैया हो पाती है?
यहां हम आपको बताते चले कि ऑक्सीजन कंट्रोल रूम के इंचार्ज अजय शर्मा ने खुद इस बात की जानकारी दी है कि यकीनन प्रदेश में हालात भयावह हो चुके हैं. अगर समय रहते ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराए गए, तो स्थिति विकराल हो सकती है. मौजूदा समय में महज 5 से 6 घंटे का ही आक्सीजन अस्पतालों के पास मौजूद है. उन्होंने कहा कि अभी पंजाब को 50 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की दरकार है और जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो यह 100 मिट्रिन टन तक पहुंच सकता है.
कैसे हैं प्रदेश में कोरोना के हालात
प्रदेश में कोरोना का कहर बेकाबू हो चुका है. स्थिति लगातार भय़ावह होने पर आमादा हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में 28 से 30 प्रतिशत तक मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. अब तो ऑक्सीजन के अभाव में कई अस्पताल वालों ने मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है.
गौरतलब है कि न महज पंजाब, बल्कि देश के कई राज्य कोरोना से विकराल हो चुकी स्थिति के बीच ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे हैं. दिल्ली में भी ऑक्सीजन की समस्या विकराल रूख अख्तियार कर चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार भी कई बार दिल्ली को ऑक्सीजन मुहैया करा चुकी है, लेकिन यह दिल्ली के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो पा रही है. इसे लेकर हाई कोर्ट भी हस्तक्षेप कर चुका है, मगर स्थिति जस की तस बनी हुई है.
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