भारत एक कृषि (agriculture) प्रधान देश है और इसमें स्थित राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं. राजस्थान की बात की जाए, तो यहां पर खेती पूर्णतया मानसून (monsoon) पर निर्भर है. अब मानसून आने को है और ऐसे में बुवाई का दौर भी जारी है.
राजस्थान सरकार किसानों के लिए एक लाभदायक योजना लेकर आई है जिसमें रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान देने की बात की गई है.
जैविक खेती( organic agriculture) को मिलेगा बढ़ावा
राजस्थान सरकार का लगातार यह प्रयास रहा है कि राज्य में जैविक खेती को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए, ताकि किसानों और आम आदमी दोनों को लाभ मिल सके. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है कि अधिक से अधिक किसानों को जैविक खेती की ओर मोड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से चालू वर्ष 2022- 23 में लगभग एक लाख किसानों को 90% अनुदान के साथ बायो पेस्टिसाइड का किट उपलब्ध करवाया जाएगा.
50% होंगे लघु अथवा सीमांत कृषक
सरकार ने यह घोषणा की है कि इन एक लाख किसानों में से आधी संख्या उन किसानों की होगी जो लघु एवं सीमांत कृषक होंगे. इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं, बीपीएल खाद्य सुरक्षा परिवारों तथा अंत्योदय परिवारों किसानों को बाद में करने का प्रयास किया जाएगा.
कुल 9 करोड की राशि की गई है निर्धारित
कृषि आयुक्त के अनुसार किसानों को बायोपेस्टिसाइड किट की खरीद पर 90% या 900 रिपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा. यानी हमारे किसान भाइयों को मात्र 10% राशि देनी होगी. इस अनुदान के लिए सरकार ने 9 करोड रुपए की राशि निर्धारित की है.
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कौन से पेस्टिसाइड्स होंगे रियायती दरों पर उपलब्ध
किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एन.पी.वी., फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टीसाइट रियायती दर पर उपलब्ध होंगें.
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