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नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन से किसानों की एक इंच भी जमीन गई तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा : कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए कहा कि एक झूठ यह भी फैलाया जा रहा है कि अनुबंध खेती के चलते किसानों की जमीन चली जाएगी, लेकिन कानून में तो जमीन का उल्लेख ही नहीं है. अनुबंध तो सिर्फ उपज का होगा.

मनीशा शर्मा
Kailash Chaudhary
Kailash Chaudhary

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए कहा कि एक झूठ यह भी फैलाया जा रहा है कि अनुबंध खेती के चलते किसानों की जमीन चली जाएगी, लेकिन कानून में तो जमीन का उल्लेख ही नहीं है. अनुबंध तो सिर्फ उपज का होगा.

कैलाश चौधरी ने आलोचकों और विपक्षी पार्टियों को चुनोति देते हुए कहा कि यदि नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन के माध्यम से किसी किसान की एक इंच भी जमीन गई तो मैं मंत्री पद के साथ राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा.

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जो मोदी सरकार साल दर साल कृषि उपज का समर्थन मूल्य बढ़ाकर उसे डेढ़ गुना कर चुकी है. जो सरकार साढ़े बाईस करोड़ किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दे चुकी है. जो सरकार आठ करोड़ किसानों को पीएम फसल बीमा का लाभ दे चुकी है. पौने ग्यारह करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से लाभान्वित कर चुकी है, वह कैसे किसान विरोधी हो सकती है. इसके उलट जो राजनीतिक दल किसानों को केवल लॉलीपॉप दिखाते रहे और उन्होंने खेती-किसानी की बेहतरी के लिए जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया, वे किसान हितैषी कैसे हो सकते हैं? ऐसे में किसान स्वयं कृषि कानूनों को तार्किक रूप से समझने का प्रयास करें. केवल विरोध के लिए विरोध करना सही नहीं

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने दावा किया कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से गांव-गरीब और किसानों के हालात तेजी से बदल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने यह संदेश दिया है कि किसानों के जीवन में बदलाव अब एक सामूहिक दायित्व है. इस दायित्व पूर्ति की बुनियादी शर्त है किसानों की आजादी. नए कृषि कानूनों के बाद हमारे अन्नदाताओं को बिचौलियों के नागपाश से मुक्ति मिल गई है. अब वे अपनी उपज अपनी शर्तों पर मनमाफिक दाम पर कहीं भी बेच सकेंगे. कैलाश चौधरी ने कहा कि यह युगांतकारी परिवर्तन है. स्थानीय मंडियां दलालों, माफियाओं की गिरफ्त में थीं, लेकिन अब कृषि उपज भी अन्य औद्योगिक उत्पादों की तरह एक देश-एक बाजार की अवधारणा से जुड़ जाएगी. इससे खेती में निजी निवेश बढ़ेगा, बुनियादी ढांचा सुधरेगा, कृषि अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश के आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़ेगा.

किसानों के बीच विपक्षी पार्टियां फैला रहीं हैं झूठ

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को उकसाने वाले विपक्षी दलों के झूठ और दुष्प्रचार पर भी गौर किया जाए. विपक्ष कह रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अनाज की खरीद बंद हो जाएगी. यह बात कानून में कहां लिखी है? कैलाश चौधरी ने कहा कि जब तक देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू है और जन वितरण प्रणाली यानी पीडीएस की दुकानें चल रही हैं तब तक एमएसपी पर सरकारी खरीद बंद कैसे हो जाएगी? दूसरा झूठ यह है कि किसान बाहर उपज बेचेंगे तो मंडियां खत्म हो जाएंगी. सरकार कह रही है कि मंडियां रहेंगी. किसान को जहां उपयुक्त कीमत मिले वह वहां अपनी उपज बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.

English Summary: Opposition parties are spreading lies among farmers: Kailash Chaudhary Published on: 03 February 2021, 05:20 PM IST

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