किसानों को खेती के लिए उर्वरक उतना ही जरूरी है जितना की मनुष्य को खाना. ऐसे में उर्वरक क्षेत्र (Fertilizer Sector) में सरकार एक बड़ा कदम उठा सकती है. दरअसल, उर्वरक में भारत का अगला कदम "एक राष्ट्र एक उर्वरक" (One Nation One Fertilizer) है. रसायन और उर्वरक मंत्री उर्वरक उद्योग के सभी दिग्गजों, यूरिया निर्माता और एफएमई (Urea Manufacturers and FMEs) के साथ उर्वरक विभाग द्वारा तैयार "वन नेशन वन फर्टिलाइजर" के कॉन्सेप्ट नोट पर चर्चा कर रहे हैं.
वन नेशन वन फर्टिलाइजर का उद्देश्य (Purpose of One Nation One Fertilizer)
एक राष्ट्र एक उर्वरक अवधारणा (One Nation One Fertilizer Concept) का उद्देश्य माल ढुलाई सब्सिडी को कम करना और राज्य में उर्वरकों की 'रियल टाइम' मूवमेंट/उपलब्धता/बिक्री की निगरानी (Real time movement/availability/sales monitoring) करना और औद्योगिक उद्देश्य के लिए यूरिया के डायवर्जन को रोकना (Preventing diversion of urea for industrial purpose) है.
क्यों है वन नेशन वन फर्टिलाइजर की जरूरत (Why One Nation One Fertilizer is needed)
उर्वरक कंपनियों को सरकार से सब्सिडी मिलती है. जिससे किसानों को अलग-अलग क्षेत्रों में उर्वरकों की मांग (Fertilizer Demand) को पूरा किया जाता है. सरकार विभिन्न ब्रांडों के लिए किसानों के बीच होने वाले असमंजस को रोकना चाहती है, क्योंकि सभी यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा 46 प्रतिशत होती है. यही कारण है जो सरकार इस कदम को उठाने के लिए चर्चा कर रही है.
'एक राष्ट्र एक उर्वरक' की मुख्य विशेषताएं (Features of One Nation One Fertilizer)
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"भारत यूरिया" के ब्रांड नाम के तहत बेचे जाने वाले प्रधानमंत्री भारतीय जन-यूरिया परिजन (Prime Minister of India - Urea Kin)और सभी यूरिया का परिचय.
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पूरे देश में सभी ब्रांड के लिए सिंगल फर्टिलाइजर डिजाइन बैग.
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सभी यूरिया बैग में बार-कोड होना जरूरी होगा, जिसे बार कोड रीडिंग मशीन के माध्यम से पढ़ा जाएगा.
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उर्वरक कंपनी सब्सिडी के लिए तभी पात्र होगी जब उर्वरक बैग डीबीटी के तहत पीओएस मशीन के माध्यम से बार कोड रीडिंग मशीनों के माध्यम से बेचा जाएगा.
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भारत में उर्वरक पर सब्सिडी (Fertilizer Subsidy in India)
उर्वरक क्षेत्र अत्यधिक सब्सिडी वाला क्षेत्र है जहां नाइट्रोजन उर्वरक (Urea) के लिए एमआरपी (MRP) तय की जाती है जबकि गैर-नाइट्रोजन उर्वरक (P&K) के लिए सब्सिडी तय की जाती है.
सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में गैर उर्वरक और यूरिया के लिए उर्वरक निर्माताओं को उर्वरकों के उत्पादन की लगभग 80% से 90% लागत का भुगतान किया जा रहा है. उर्वरकों के उत्पादन के लिए सब्सिडी उर्वरक निर्माताओं (Fertilizer Company) के लिए बड़ा समर्थन है.
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