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राज्य सरकार ने खाद्य राशन में मछली पाउडर को भी जोड़ा

ओडिशा सरकार ने हाल के दिनों में एक ऐसी योजना बनाई है, जिसमें 6 साल से कम उम्र के बच्चों, किशोर लड़कियों, नर्सिंग महिलाओं और गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) की सेहत को विशेष ध्यान में रखा गया है. सरकार ने यह प्लान टेक-होम राशन के तहत दिया है, जिसमें एक भाग सूखी छोटी मछली भी देना है. बता दें, कि उड़ीसा में कम उम्र के बच्चों, कम उम्र की लड़कियों, गर्भवती महिलाओं के मामले में राज्य की स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए सरकार ने इन बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के टेक होम राशन में यह सामग्री जोड़ी है ताकि इनमें न्यूट्रीशन की अतिरिक्त पूर्ति की जा सके.

हेमन्त वर्मा
Dry Fish
Dry Fish

ओडिशा सरकार ने हाल के दिनों में एक ऐसी योजना बनाई है, जिसमें 6 साल से कम उम्र के बच्चों, किशोर लड़कियों, नर्सिंग महिलाओं और गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) की सेहत को विशेष ध्यान में रखा गया है. सरकार ने यह प्लान टेक-होम राशन के तहत दिया है, जिसमें एक भाग सूखी छोटी मछली भी देना है. बता दें, कि उड़ीसा में कम उम्र के बच्चों, कम उम्र की लड़कियों, गर्भवती महिलाओं के मामले में राज्य की स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए सरकार ने इन बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के टेक होम राशन में यह सामग्री जोड़ी है ताकि इनमें न्यूट्रीशन की अतिरिक्त पूर्ति की जा सके.

स्वयं-सहायता समूहों की आमदनी बढ़ाने वाला कदम (Income generating step for Self Help Groups)

उड़ीसा के मयूरभंज जिले के 50 आंगनवाड़ी केंद्रों पर यह पायलट स्तर की योजना को शुरू करने के लिए गैर-लाभकारी संस्था वर्ल्ड फिश के साथ एमओयू पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए है. अधिकारियों ने कहा कि इस योजना में महिला स्वयं-सहायता समूहों (Self Help Groups) से मछली खरीदी जाएगी, जिससे इन समूहों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. अभी यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निश्चित दायरे में ही चलाई जाएगी. फिर पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों के आधार पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा और क्षेत्र विस्तृत किया जाएगा.

इस स्कीम में आदिवासी जिले से दस महिला स्व-सहायता समूहों को लगाया गया है. NGO वर्ल्ड फिश के महानिदेशक गैरेथ जॉनस्टोन ने कहा कि इन महिला स्वयं सहायता समूहों को केंद्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (Central Institute of Fisheries Technology) की मदद से विशेषज्ञों द्वारा मछली पाउडर तैयार करने में एनजीओ (NGO)और स्वयं सहायता समूहों को मछली पाउडर (Fish powder) बनाने की विधि, तकनीकी और उचित प्रशिक्षण (Training) दिया जाएगा.

कोरोना महामारी में ओड़ीशा सरकार ने उठाए अतिरिक्त कदम (Odisha Government takes additional steps in Corona pandemic)

कोरोना महामारी के समय राज्य सरकार जरूरतमंदों को घर-घर जाकर राशन दे रही है. इन राशनों में छुआ (भुना हुआ बंगाली चना, गेहूं, मूंगफली और चीनी), सूजी का हलवा, मक्का का हलवा, रास का हलवा, गुड़ के लड्डू, बेसन के लड्डू और गर्म चटनी पहले से शामिल हैं. इसके अलावा छोटे बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं (Lactating women) और किशोर लड़कियों को पका हुआ भोजन, फल और हर सप्ताह चार उबले अंडे भी दिये जा रहा है. अब नई योजना के तहत 15 ग्राम मछली पाउडर आंगनवाड़ी केंद्र में दिये जाएंगे.

राशन में मछलियों का चुनाव क्यों (Why choose Fish in ration)

मछली आयरन, जिंक, कैल्शियम, विटामिन (ए, बी, डी) से भरपूर होती है. इसके साथ ही  मछली में मिलने वाला विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भी अधिक पाई जाती है, जो बच्चों, गर्भवती महिलाओं, नर्सिंग महिलाओं और किशोरियों की सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है.  

English Summary: Odisha Government also added Fish powder in food ration Published on: 08 December 2020, 06:45 PM IST

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