किसान अपनी अच्छी उपज के लिए बहुत मेहनत करता है और यदि मौसम का साथ बरकरार रहा तो किसानों को उत्पादन भी अच्छा मिलता है. इसके बाद किसानों के सामने अपनी उपज को बेचने की चुनौती आती है. जिसके लिए या तो किसान अपनी उपज दलालों को बेच देते हैं या फिर दूर दराज की मंडियों में जाकर बेचते हैं. कहना आसान है मगर किसानों के लिए यह राह आसान नहीं होती है, किसान सुबह से लेकर शाम तक अपने अनाज को मंडियों में लेकर बैठते हैं, ताकि उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त हो सके. इस दौरान अधिकतर किसान भूखे प्यासे रह जाते हैं. इसी को देखते हुए ओडिशा में धान खरीद केद्रों के समीप किसानों के लिए दोपहर का भोजन मुफ्त में उपलब्ध कराने हेतु कैंटीन खोली गईं हैं.
टीवी 9 के अनुसार, ओडिसा के गजपति के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में किसानों के लिए कैंटीन खोली गई हैं. इसके साथ ही परलाखेमुंडी, काशीनगर, उपलाडा और गरबांध में भी चार ऐसी कैंटीनें खोली गई हैं, जहां पर किसानों को मुफ्त में दोपहर का खाना मुहय्या करवाया जाएगा. तो वहीं जिलाधिकारी लिंगराज पांडा ने कहा कि यह कैंटिन परलाखेमुंडी विनियमित बाजार समिति (आरएमसी) द्वारा चलाई जा रही है, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाया गया भोजन और सब्जी किसानों को परोसा जा रहा है.
जिले में खोली जाएंगी 15 और कैंटीन
परलाखेमुंडी विनियमित बाजार समिति द्वारा चलाई जा रही इस पहल में किसानों को मुफ्त में भोजन के अलावा शुद्ध पानी और शीतल पेय भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. बता दें कि इस पहल का उद्देश्य यह कि किसानों को अपनी उपज को मंडियों में बेचने के दौरान भूख प्यास बाधा न बन पाए. तो वहीं जिलाधिकारी की मानें तो आने वाले दिनों में 10 से 15 और ऐसी ही कैंटीन खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
अन्य क्षेत्रों में मुफ्त भोजन की तैयारी
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल रोजाना हर एक कैंटीन में औसतन 15-20 किसानों को मुफ्त में खाना खिलाया जा रहा है. जिसके लिए विनियमित बाजार समिति (आरएमसी) पूरा खर्च उठा रही है. इसके साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की योजना चलाने को लेकर चर्चा तेज हो रही है.
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किसानों को मिलेगा लाभ
सरकार की इस पहल से किसानों को काफी लाभ पहुंच रहा है. इस प्रकार की सुविधाएं हर राज्य की मंडियों में शुरू करने को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए. हमारे देश का एक तबका ऐसा है, जिनके पास सीमीत जमीन है और अपना पेट भरने के लिए दूर दराज मंडियों में जाकर अपनी उपज को बेचते हैं और उन्हें मंडियों में ही काफी समय लग जाता है. अब मंडियों में कैंटिन खुलने से किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा.
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