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हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 914 करोड़ रुपये का ओडीए ऋण को मिली मंजूरी

जेआईसीए (JICA) ने फसलों के विविधीकरण, बुनियादी विकास और किसानों की क्षमता में वृद्धि करने के लिए हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने वाले परियोजना कार्य पर अपनी मंजूरी दी. इसके अलावा जेआईसीए ने लगभग 914 करोड़ रुपये तक के ओडीए ऋण को भी मंजूरी दे दी है.

लोकेश निरवाल
जेआईसीए (JICA) ने हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने ओडीए ऋण को दी मंजूरी
जेआईसीए (JICA) ने हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने ओडीए ऋण को दी मंजूरी

जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल (सस्टेनेबल) बागवानी को बढ़ावा देने की परियोजना के लिए 16,215 मिलियन येन (लगभग 914 करोड़ रुपये) का ओडीए (आधिकारिक विकास सहायता) ऋण देने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस परियोजना के अंतर्गत, राज्य में संरक्षित कृषि को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा, जिसके लिए फसलों के विविधिकरण, फसलों के कटान की सुविधाओं में सुधार और राज्य के सरकारी कर्मियों और किसानों की क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी.

सिंचाई के लिए लगाए जाएंगे ड्रिप/स्प्रिंकलर

परियोजना को हरियाणा सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से अगले 108 महीनों में लागू किया जाएगा. इसके अंतर्गत सिंचाई के लिए ड्रिप/स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे ताकि पानी का कम प्रयोग हो सके. फसलों के विविधिकरण से किसानों की क्षमताओं में बढ़ोतरी की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के लगभग 156,000 किसानों को सीधे लाभ मिलेगा. यह परियोजना पैक हाउसों के निर्माण को भी सपोर्ट करेगी जिसका प्रबंधन उत्पादक समूहों द्वारा किया जाएगा और यह फसलों की कटाई उपरांत प्रबंधन के जरिए दक्षता को बढ़ावा देगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस परियोजना के लिए, विकासशील, अतिरिक्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय एवं साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि (चीफ रिप्रजेंटेटिव), जेआईसीए इंडिया ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए. वहीं, इस अवसर पर, साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि (चीफ रिप्रजेंटेटिव), जेआईसीए इंडिया ने कहा, “यह परियोजना फसलों के विविधिकरण तथा पर्यावरण अनुकूल कृषि को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी में सुधार लाने में योगदान देगी. परियोजना स्थल पर इसका उद्देश्य खेतों में पानी के इस्तेमाल में करीब एक-तिहाई कमी लाना है और इसके लिए सिंचाई की दक्ष प्रणालियों की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही, फसलों के विविधिकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इस परियोजना के अंतर्गत निजी कंपनियों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों के मिलान के अलावा कोच्चि यूनीवर्सिटी, जापान के साथ शैक्षणिक संपर्क का भी प्रावधान है जो उन्नत क्वालिटी, सप्लाई चेन में सुधार और डेटा-आधारित कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देगा.

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इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और क्षमता में बढ़ोतरी के प्रयासों पर जोर

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में किसानों को कई तरह की पर्यावरण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें सिंचाई के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन, पारंपरिक कृषि में पराली जलाने से पैदा होने वाला वायु प्रदूषण प्रमुख है. यह परियोजना किसानों को पानी का अधिक इस्तेमाल करने वाली फसलों की बजाय बागवानी अपनाने के लिए प्रोत्साहन देगी जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.

साथ ही, फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और क्षमता में बढ़ोतरी के प्रयासों पर भी जोर दिया जाएगा ताकि फसलों की कटान/तुड़ान के बाद नुकसान में कमी आ सके और किसानों को उनकी फसलों की बेहतर कीमत भी मिले.

English Summary: ODA loan of Rs 914 crore approved to promote eco-friendly horticulture in Haryana Published on: 21 February 2024, 04:58 PM IST

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