आपका स्मार्ट फोन जल्द ही फलों की गुणवत्ता की परख भी करेगा। यदि आप फल खरीदने जा रहे हैं तो अच्छे और शुद्ध फल खरीदने में फोन आपकी मदद करेगा। यानी फोन आपके स्वास्थ्य का ख्याल भी रखेगा। उत्तराखंड के रुड़की स्थित आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के इंजीनियरों ने आधुनिक टेक्नोलॉजी विकसित की है।
अक्सर फल खरीदते समय खरीदार कोर चिंता सताती रहती है कि वह अच्छा निकलेगा या खराब, स्वादिष्ट होगा या बेस्वाद। कई बार तो पेड़ पर लगे फलों के तोड़ने के समय को लेकर भी किसानों में संशय रहता है कि पता नहीं फल पका होगा या नहीं। ऐसे में सही पहचान नहीं हो पाने के कारण कई बार ग्राहकों के साथ किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। ग्राहकों और किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आइआइटी रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. देवब्रत सरकार और डॉ पार्थ रॉय के साथ-साथ उनकी टीम ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो फलों की गुणवत्ता की जानकारी देगी। फिलहाल इस डिवाइस के माध्यम से सेब, पपीता और नारियल की पहचान की जा सकेगी।
ऐसे काम करेगी डिवाइस : टेक्नोलॉजी को ईजाद करने वाले डॉ. सरकार ने बताया कि उन्होंने पेनड्राइव नुमा एक पोर्टेबल वायरलेस डिवाइस तैयार की है। मेटल ऑक्साइड की इस डिवाइस में 32 मेटल ऑक्साइड एंटीना लगाए गए हैं। इन फलों में एक परिवर्तनशील गैस होती है। स्मार्ट फोन में एप डाउनलोड करके जैसे ही उसे सेब, पपीता और नारियल के सामने ले जाएंगे, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के जरिए डिवाइस बता देगी कि इन फलों की गुणवत्ता क्या है।
एक लाख नारियल में पता लग सकेगा कि कौन सा खराब : केंद्रीय कृषि मंत्रालय के नारियल कृषि बोर्ड की ओर से डॉ. देवब्रत सरकार को नारियल के अच्छे या खराब होने की पहचान के लिए टेक्नोलॉजी विकसित करने का प्रोजेक्ट दिया गया है। उन्होंने रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी से कोको स्मार्ट टेक्नोलॉजी विकसित की है। फिलहाल मोबाइल में डिवाइस का प्रयोग करके कुछ नारियल के ही अच्छे या खराब होने की पहचान की जा सकती है, लेकिन सरकार एक बड़ी डिवाइस पर कार्य कर रहे हैं, जो एक लाख नारियलों में से भी खराब नारियलों की पहचान कर देगी।
Share your comments