1. Home
  2. ख़बरें

साहूकारी अधिनियम को समाप्त करेगी इस राज्य की सरकार, जानिए क्‍यों किया इसे हटाने का फैसला?

यूपी के लोगों को अब साहूकार अधिनियम से राहत की सांस मिलेगी. इसके लिए योगी सरकार ने कई तैयारी कर ली है...

लोकेश निरवाल
सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के आम लोगों के लिए सरकार की तरफ से बड़ी खुशखबरी जारी की गई है. दरअसल, योगी सरकार का कहना है कि अब राज्य सरकार पूरे राज्य में साहूकारी कानून को समाप्त करने की तरफ कदम बढ़ा रही है.

इस सिलसिले में सरकार ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है. यूपी से पहले झारखंड में इस नियम को समाप्त किया गया और अब उत्तर प्रदेश सरकार इस क्रम में आगे बढ़ रही है. आपको बता दें कि इस नियम के बाद राज्य में पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल व नया लाइसेंस जारी करने पर रोक लग जाएगी. इस संदर्भ में पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी राज्य में लागू साहूकारी कानून की प्रासंगिकता पर अपने सुझाव दिए थे.

राज्य में कई तरह की मिल रही सुविधाएं

इस अधिनियम को बनाए रखने के लिए राज्य के वित्त महकमा इस बात पर बल दे रहे थे कि यह लोगों के लिए अच्छा अधिनियम है, लेकिन 24 जून 2022 को राज्य में हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें इस बात पर सहमति बनाई गई कि यह कानून अब अप्रासंगिक हो चुका है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस अधिनियम को लोगों की  सुविधा के लिए बनाया गया था. देखा जाए, तो उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1976 (Uttar Pradesh Moneylender Act 1976) की घोषणा के वक्त डिजिटल का इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जितना अब किया जाता है, इसलिए अब के समय में सरकारी बैंकों, गैर सरकारी बैंकों और अन्य वित्तीय कंपनियों के माध्यम से अच्छी सब्सिडी और कम ब्याज दर पर लोगों को गोल्ड, पर्सनल, एजुकेशन, वाहन और अन्य कई तरह के लोन की सुविधा सरलता से उपलब्ध करवाई जा रही है. इस प्रक्रिया ने साहूकारों की मौजूदगी को खत्म कर दिया है, इसलिए यूपी सरकार का माना है कि अब राज्य में से उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1976 को पूरी तरह से हटा देना चाहिए.

साहूकारी मजबूरी का उठाते हैं फायदा (Moneylender takes advantage of compulsion)

साहूकारी अधिनियम को पहले के समय लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया था, जिससे लोग अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक व अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें, लेकिन कुछ लोगों ने इस नियम का गलत तरीके से फायदा उठाना शुरू कर दिया.

जानकारी के लिए बता दें कि साहूकार का लाइसेंस अधिकतर सुनार प्राप्त करते हैं, जो उच्च ब्याज दरों पर सोने के गहनों के मूल्य का लगभग 50 प्रतिशत तक ऋण का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंक संस्थानों को सोने के मूल्य का 90 प्रतिशत तक ऋण भुगतान करने की व्यवस्था है.  

English Summary: Now moneylender act will end in UP too Published on: 18 July 2022, 03:48 PM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News