किसान अपनी आय को बढ़ाने के लिए अपने खेत में विभिन्न तरह की खेती करते रहते हैं, ताकि इससे उनकी आय में वृद्धि हो सके. ऐसे में मध्य प्रदेश किसानों के लिए सिंघाड़े की खेती से लाभ कमाना का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में सिंघाड़े की खेती करने वाले किसानों को अनुदान दिए जाने का ऐलान किया है.
आपको बता दें कि यह निर्णय उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने मंत्रालय में लिया गया था. इस बैठक में कहा गया कि किसानों के हित के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक धनराशि दी जाएगी. इस बैठक में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसान भाइयों से सुझाव लिए जाएंगे.
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सिंघाड़े की खेती तालाबों में उगाया जाता है. इस खेत में किसान उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है. क्या आप जानते हैं कि सिंघाड़े की खेती के लिए निचले खेतों में भराव करना बेहद जरूरी होता है. पानी भराव के कारण इस खेती में बेकार मवेशियों के द्वारा नुकसान पहुंचाने का खतरा कम होता है. इस प्रकार से किसान इस खेती में कम लागत में अधिक लाभ कमा सकता है.
सिंघाड़े की खेती में खर्च (cost of water chestnut cultivation)
अगर आप सिंघाड़े की खेती के लिए करीब एक एकड़ तालाब में तीन हजार रुपए की लागत से पौधों को लगाते है. तो आप इसे लगभग 40 क्विंटन तक उत्पादन प्राप्त कर सकते है. जिसे आप बाजार में 60 से 70 हजार रुपए में आसानी से बेच सकते हैं. वहीं आप एक एकड़ में करीब 40 हजार रुपए तक कुल लागत लगती है. इसके मुकाबले आपकी लागत कम मुनाफा काफी अधिक होता है.
सिंघाड़े की खेती के लिए सब्सिडी (Subsidy for water chestnut cultivation)
सिंघाड़े की खेती के लिए राज्य के किसानों को सरकार से अनुदान राशि दी जाएगी. इस बात की जानकारी खुद राज्य मंत्री श्री कुशवाहा ने दी. उन्हें कहा कि उद्यानिकी किसानों की मांग के अनुसार किसानों को खेती के लिए उन्नत किस्म के बीज और पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे और साथ ही उन्हें सब्सिडी भी दी जाएगी. साथ की फसलों की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से किसानों को तार-फेंसिंग के लिए अनुदान दिया जाएगा.
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