हरियाणा इन नई शिक्षा नीति 2030 के बजाय 2025 में लागू होगी. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में हरियाणा अन्य राज्यों के मुकाबले दो कदम आगे चल रहा है. केंद्र ने इस नीति को 2030 तक देशभर में लागू करने का निर्णय किया है.
हरियाणा इसे 2025 तक लागू करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है. नीति के तहत किए गए कई प्रावधानों पर काम शुरू हो चुका है. सरकारी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग, फर्नीचर, चारदीवारी, सुंदरता, स्वच्छता, रास्ते, पानी और शौचालय की व्यवस्था को लेकर चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि हरियाणा अपने बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा क्षेत्र पर खर्च करता है. इस बार के बजट में 20 हजार करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च होंगे. शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं. इसके लिए बजट की कमी आड़े नहीं आएगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र के लिए दो टास्क फोर्स बनाई जा रही हैं, जो स्कूलों में सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगी. स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे. एक साल के अंदर हरियाणा के सभी स्कूलों में ड्यूल बेंच की व्यवस्था होगी. हाल ही में 'ई-अधिगम' योजना का शुभारंभ करते हुए सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए गये हैं.
प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 138 नए सरकारी मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोले गये हैं. राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में 1418 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना भी की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं.
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दत्तात्रेय ने प्रदेश में कोविडरोधी टीकाकरण के बारे में भी राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति को जानकारी दी. राज्यपाल दत्तात्रेय ने बताया कि प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 में 3884 स्वयं सहायता समूहों को 3.88 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फण्ड उपलब्ध करवाया गया. महिलाओं के लिए व्यक्तिगत ऋण योजना के तहत सब्सिडी की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की गई है.
स्टार्टअप ग्राम उद्यमशीलता कार्यक्रम में 1238 स्वयं सहायता समूह महिला उद्यमों का गठन किया गया है और उद्यम स्थापित करने के लिए 5 करोड़ 25 लाख रुपये वित्तीय सहायता दी गई है.शिक्षा से रोजगार तक के सफर को तय करने के लिए हरियाणा सरकार के प्रयास सराहनीय हैं.
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