अभी तक पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी की जेब पर असर पड़ रहा था, लेकिन अब खाद्य तेल की कीमतों ने भी आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है. बता दें कि पिछले एक साल के दौरान सरसों तेल का भाव लगभग दोगुना हो गया है. इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) का जवाब आया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक...
सरसों का तेल थोड़ा महंगा हो गया है, क्योंकि इसमें सरकार ने मिलावट को बंद किया है. उन्होंने कहा कि ये भारत सरकार का बहुत महत्वपूर्ण फैसला है, जिसका लाभ देशभर के तिलहन और सरसों, दोनों में काम करने वाले किसानों को होने वाला है.
अब नहीं होगी सरसों के तेल में मिलावट
सरसों के तेल में मिलावट की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा दावा किया है कि वह इसे पूरी तरह बंद कर रहे हैं.
कितनी बढ़ी तेल की कीमत
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मौजूदा समय में सरसों तेल का भाव 170 से 180 रुपए प्रति लीटर चल रहा है.
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पिछले साल सरसों तेल मई के दौरान लगभग 120 से 130 रुपए था.
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ऑनलाइन मार्केट में ब्रांडेड कंपनियां कच्ची घानी सरसों तेल को 175 से 180 रुपए प्रति लीटर के भाव से बेच रही है.
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सोयाबीन रिफाइंड ऑयल फिलहाल 160 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है, जो कि पिछले साल 120 रुपए प्रति लीटर था.
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मई 2020 में सूरजमुखी तेल का भाव 132 रुपए प्रति लीटर था, जो कि अब 200 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुका है.
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इसके अलावा पिछले साल वनस्पति तेल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर थी, जो अब 140 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है.
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