जहां देशव्यापी lockdown 3.0 की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में यह साफ़ है कि अभी कोरोना की जंग लम्बी चलेगी और साथ ही लोगों को भी अनुशासन में रहना होगा. इसी लॉकडाउन 3 के बीच केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज व कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक खास पहल की है. नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली के कृषि भवन (Krishi Bhavan) में सरकारी ऑनलाइन बिक्री पोर्टल (GeM portal) पर 'दि सरस कलेक्शन' (The Saras Collection) लॉन्च किया है.
क्या है दि सरस कलेक्शन?
आपको बता दें कि Government e-Marketplace (जीईएम) और दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Deen Dayal Antyodaya Yojana-National Rural Livelihoods Mission), ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से सरस कलेक्शन ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए दैनिक उपयोगिता उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल करता है. इसके साथ ही यह ग्रामीण क्षेत्रों के self-help groups (SHGs) को केंद्र और राज्य सरकार के खरीदारों और बाजार तक पहुंचाने में मदद करता है.
11 राज्यों के 913 एसएचजी 442 उत्पादों के साथ विक्रेताओं के रूप में है पंजीकृत
रिपोर्ट्स की मानें तो दि सरस कलेक्शन के तहत 11 राज्यों के 913 एसएचजी पहले से ही विक्रेताओं के रूप में पंजीकृत हैं. पहले चरण में 442 उत्पाद ऑन-बोर्ड दर्ज किए गए हैं. आपको बता दें कि ये सभी विक्रेता अपने उत्पादों को 5 उत्पाद श्रेणियों के तहत उपलब्ध करा सकते हैं. इनमें शमिल हैं-
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हस्तशिल्प (handicrafts)
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हथकरघा और वस्त्र (handloom and textiles)
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कार्यालय सामान (office accessories)
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किराना और पैंट्री (grocery and pantry)
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व्यक्तिगत देखभाल और स्वच्छता (personal care and hygiene
इन राज्यों में शुरू की गयी पहल
यह पहल बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों के स्वयं सहायता समूहों से हो चुकी है. सरकारी खरीदारों को अपने उत्पाद बेचने के लिए सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से बड़ी संख्या में SHG को सक्षम करने के लिए कवरेज को भी तेजी से बढ़ाया जाएगा.
बिचौलियों पर लगेगी रोक
सरस कलेक्शन एसएचजी को सरकारी खरीददारों तक सीधे पहुंचाकर आपूर्ति श्रृंखला में बिचौलियों पर रोक लगाएगा. ऐसे में स्थानीय स्तर पर एसएचजी और सामान्य रोजगार के अवसरों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित होगा और ग्रामीणों का विकास भी होगा.
उत्पादों को अपलोड करने में हर तरह की सुविधा देने के साथ एसएचजी की सहायता करने के लिए राज्य और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तत्पर है जिसके साथ GeM भी उत्पाद कैटलॉग प्रबंधन, ऑर्डर पूर्ति और बोली भागीदारी के साथ विक्रेताओं की सहायता करता है. GeM समूहों को जरूरी प्रशिक्षण देने के लिए भी राज्य के अधिकारियों के साथ आगे आएगा. साथ ही यह ऑर्डर पैकेजिंग, कैटलॉग प्रबंधन में भी सहभागिता निभाता है.
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