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खेती के लिए आसानी से मिलेगा 50 हजार का कर्ज, नाबार्ड बना रहा ये खास ग्रुप

झारखंड के छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब किसानों को बैंकों से आसानी से छोटा लोन मिल जाएगा, क्योंकि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development /NABARD) द्वारा ज्वाइंट लाइबलिटी ग्रुप (जेएलजी) का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया गया है.

कंचन मौर्य
Agriculture News
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झारखंड के छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब किसानों को बैंकों से आसानी से छोटा लोन मिल जाएगा, क्योंकि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development /NABARD) द्वारा ज्वाइंट लाइबलिटी ग्रुप (जेएलजी) का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया गया है.

दरअसल, झारखंड सरकार द्वारा जेएलजी का विस्तार करते हुए नाबार्ड ने 3 नए बैंको के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत हर जेएलजी को 4 हजार रुपए का ग्रांट भी दिया जाना है.

आपको बता दें कि जेएलजी योजना पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है, क्योकि वहां औसत जोत कम और छोटे किसानों की संख्या बढ़ रही है. माना जा रहा है कि जेएलजी योजना झारखंड जैसे राज्यों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी.

क्या होता है जेएलजी (What is JLG)

जेएलजी यानी ज्वाइंट लायबेलिटी ग्रूप का मतलब है कि 4 से 10 या फिर अधिकतम 20 लोगों का अनौपचारिक समूह होता है, जो समान व्यवसाय / व्यवसाय में लगे होते हैं. इसके साथ ही पारस्परिक गारंटी के खिलाफ समूह तंत्र के जरिए ऋण प्राप्त करने के उद्देश्य से गठित होते हैं. जेएलजी के तहत सदस्य को 50 हजार रुपए तक का लोन मिल सकता है.

समूह में व्यक्तियों का वित्तपोषण (Group financing)

जानकारी के लिए बता दें कि समूह वित्तपोषण बैंक से अलग व्यक्तिगत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है. इसके अलावा जेएलजी में सदस्यों की संख्या 20 तक हो सकती है. जेएलजी एक उधार लेने वाली इकाई के रूप में कार्य करता है.

छोटे कर्ज बांटने का उद्देश्य (Purpose of distributing small loans)

जेएलजी का उद्देश्य यह है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे छोटे और सीमांत किसानों को ऋण और वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी. ऐसा कई बार होता है कि पैसों की कमी की वजह से छोटे किसान को साहूकारों से लोन लेना पड़ता है. इस तरह किसानों की परेशानी और बढ़ जाती है.

झारखंड में बनेंगे 3 हजार जेएलजी (3 thousand JLG will be built in Jharkhand)

इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की छोटे जोत वाले किसान भी अब बैंकों में जाकर आसानी से छोटा लोन ले सकेंगे. नाबार्ड द्वारा तहत सरकारी बैंकों के साथ ही निजी और एनबीएफसी (छोटे स्तर के बैंक) को भी शामिल करने को लेकर उनके साथ एग्रीमेंट किया जायेगा.

जानकारी के लिए बता दें कि नाबार्ड (NABARD) का पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank For Agriculture & Rural Development) है. इस बैंक की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए की गई है. इस बैंक की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है. यह ग्रामीण लोगों, किसानो को आवश्यक कार्यों और उनके जीवन को सुधारने के लिए लोन उपलब्ध कराता है.

English Summary: nabard will give 50 thousand loan for farming Published on: 08 September 2021, 12:52 PM IST

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