देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इन दिनों देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है, ताकि इस महामारी से जल्द ही छुटकारा पाया जा सके. इस वक्त स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी सलाह दी जा रही है कि सभी लोगों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना है. ऐसे में सभी लोग कोरोना से बचे रहने के लिए मास्क, सैनेटाइज़र समेत कई अन्य साधानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में गरीबों और कृषि मजदूरों का क्या होगा? वे सब आर्थिक तंगी के चलते अपनी सेहत का खास ख्याल कैसे रखेंगे? इस कड़ी में नाबार्ड (NABARD) की तरफ से एक अहम फैसला लिया गया है. दरअसल, अब नाबार्ड द्वारा मास्क तैयार किए जा रहे हैं, जो गरीबों और कृषि मजदूरों तक नि:शुल्क पहुंचाए जाएंगे.
आपको बता दें कि यह योजना नाबार्ड के तत्वावधान में चम्पारण युवा कल्याण सोसाइटी द्वारा संचालित नैब-स्किल सिलाई केंद्रों में चलाई जा रही है. नाबार्ड का उद्देश्य है कि इस वक्त कोरोना वायरस की जंग लड़ रहे देश की पूरी तरह से मदद की जाए. इस योजना के उद्देश्य को पूरा करने के लिए महिलाएं रात-दिन काम करके मास्क तैयार कर रही हैं. इसके बाद मास्क को गरीबों और कृषि मजदूरों तक पहुंचाया जाएगा.
नाबार्ड की मानें, तो इन मास्क को एकदम सुरक्षित कपड़ों द्वारा बनाया जा रहा है, जो कि कोरोना वायरस से बचाने का काम करेंगे. ये मास्क गरीब, कृषि मजदूर समेत पुलिस कर्मियों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जो आम जनता की सुरक्षा में दिन-रात एक कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेसिंग की जानकारी भी दी जाएगी. कोरोना की जंग में नाबार्ड का यह कदम बहुत मायने रखता है. इससे लॉकडाउन में कई गरीब और कृषि मजदूरों को राहत मिलेगी.
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