देशभर में कोरोना का कहर लगातार जारी है. शहरों से होते हुए अब ये बीमारी गांवों कस्बों तक पहुंचने लगी है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन को और सख्त करते हुए, अब इसे गांवों-कस्बों में गंभीरता से लागू कर दिया गया है. इसके लिए बाकायदा मुखिया और पार्षद की जवाबदेह तय की गई है.
जी हां, अब संबंधित ग्राम क्षेत्र में लॉक डाउन किसी भी कीमत पर टूटी तो उसकी जिम्मेदारी मुखिया और पार्षद की होगी. पार्षद और मुखिया को इसके बारे में समय-समय पर मानिटरिंग भी करके जानकारी प्रशासन को देनी होगी. ग्रामीणों की जरूरतों, परेशानियों एवं सुझावों से प्रशासन को अवगत कराना भी मुखिया और पार्षद का ही काम होगा.
मुखिया को करवाना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि गांवों के भीतर लॉक डाउन के दौरना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन गंभीरता से किया जाए. सभी जरूरी कामों को छोड़कर हर तरह के कार्य फिलहाल रोक दिए जाएं. किसी भी तरह की गड़बड़ी पर संबंधित पंचायत का मुखिया और वार्ड पार्षदों की जवाबदेही तय रहेगी. हालांकि किसी भी तरह की जरूरत के लिए मुखिया स्थानीय प्रशासन की सहायता और सहयोग ले सकता है.
भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद नौ हजार पार
भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद नौ हजार पार हो चुकी है. इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी तक मरीजों की संख्या 9152 हो चुकी है जबकि इस बीमारी से 308 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अभी भी हालात भारत के काबू में हैं और लोगों के सहयोग से इस जंग को जीता जा सकता है. बता दें कि अभी तक 1.14 लाख से अधिक लोगों की दुनिया भर में इस वायरस के कारण मृत्यु हो चुकी है और 18 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं. सबसे अधिक हालत अमेरिका की खराब है. वहां 5.5 लाख से अधिक लोग इस वायरस के चपेट में आ चुके हैं.
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